कब तक राह देखूं तेरा
अब नयन भी थकने लगे है
तेरी आस को दिल में संभाले
हम खुदको रोकने लगे है
लौट कर तू आयेगा नहीं
ऐसा सब कहने लगे है
तेरी एक लब्ज़ के बुनियाद पर
हम ज़िन्दगी काटने लगे है
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सब कुछ पाने की ख्वाहिश रखते थे
ये कहां पता थी तब के
इश्क तो बस खुद को खोने का नाम है-
अक्सर एक शोर होता है
कई अनकही हसरतें
खामोशी से बयां होता है
कोरे मन के आईने पर
फिर कोई दस्तक देता है
होठो पर भले ही मुस्कान आए
पर आंख तब भी नम होता है-
Drops of water that fall from the sky and drench us both physically and emotionally
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वो मिलना भी क्या
जहां वक्त की पाबंदियां हो
दो पल की मुलाकात है बस
जिसमें किसी के दीदार की ख्वाहिश पूरी हो
कभी वक्त मिले तो बैठो साथ
बातें कई अनकही है
कुछ सुनने की तमन्ना भी
उस उम्मीद में शामिल है
खामोशी भी बातें करेंगी
बस तुम समझ जाना
भले हम कुछ ना कहें
तुम कुछ पल वहीं ठहर जाना
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कुछ पाने की ज़िद तो कभी थी ही नहीं
बस एक आस थी कि कोई साथ चलता रहे
जिक्र भले ना हो उसकी मौजूदगी की
पर जब भी पीछे देखूं, वो वही खड़ा मिले-
दर्द के समंदर को दिल में छुपाए
चेहरे पर मुस्कुराहट रखते है जैसे
खामोशी से कोई जहर पीए जाए-
जिससे मोहब्बत किया था शिद्दत से
उसी से नफरत कैसे किया जाए
दिल के हर धड़कन में जो शामिल हो
उसे दिल से भला कैसे निकाला जाए
वो कहते हैं के मोहब्बत से दूर जाना आसान है
पर ये उनको कैसे समझाया जाए
सच्ची मोहब्बत तो रूह से रूह तक का सफर है
कहां तक जा पाओगे भला, जिसे दूर कहा जाए
जो हर याद और हर एहसास में बसा हो
उसकी वजूद को कैसे मिटाया जाए
पास या दूर होना तो फैसला किस्मत का है
फिर एक मासूम दिल को गुन्हेगार क्यों ठहराया जाए-
A hug from the beloved
With hundreds of desires peeping through the window of heart and reaching out for a tight embrace-