sonal srivastava   (Sonal Srivastava)
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A beginner.
passionate hardworking..
Joined 16 July 2017


A beginner.
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26 JUN 2019 AT 12:40


वो जो लेता है मेरा नाम, तो अब ये नाम अच्छा लगता है।
करती रहूँ बस हर वक़्त बाते उससे,
ना अब कोई काम अच्छा लगता है।
जो देखती हूँ सबकुछ नज़रों से उसकी,
ख़ुदा कसम अब ये सारा जहान अच्छा लगता है।

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12 JUN 2019 AT 1:16

जो तुम आ गए हो ज़िन्दगी में मेरी,
कैसे मैं करू शुक्रिया अदा रब का..
किस्मतों से मिलता है हमसफर तुम जैसा,
के हमारे जैसा अच्छा नसीब कहाँ सब का...❤❤

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26 MAR 2019 AT 23:47

आखिर ये बेफिक्री कहाँ से लाते हो तुम,
चुरा कर मेरी नींद कैसे सो जाते हो तुम ?

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7 DEC 2018 AT 0:17

हाँ,
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है,
क्योंकि सबकुछ ठीक तो है,सबकुछ पहले जैसा ही तो है।
हाँ बस अब हर रोज़ हम मिलते नहीं,
मगर बाकी सबकुछ अच्छा ही तो है।
तो क्या हुआ अगर अब बातें कम हो गई हैं हमारी,
प्यार तो तुम मुझसे उतना ही करते हो ना,
प्यार मेरा भी कम नहीं हुआ है,
बस अब बता नहीं पाती हूँ न मैं,
क्योंकि वक्त नहीं है सुनने का तुम्हारे पास।
लेकिन हाँ सच में,
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है।

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6 DEC 2018 AT 23:43

सुनो,
आज घर आते वक्त मेरे लिए थोड़ा सा वक्त ले आना।

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19 AUG 2018 AT 1:34

सुना था, वक़्त गुज़रा करता है बड़ी तेज़ी से,
मगर तुम तो वक़्त से भी जल्दी बदल गए।
हो गए मसरूफ तुम अपनी आज की दुनिया में,
मेरे साथ देखे ख्वाबों से बहुत दूर निकल गए।

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4 JUN 2018 AT 3:03

जो होता है एक परिंदे का हाल तूफान के बाद,
जब बिखर जाता है उसका आशियाना,
जिसे बनाता है वो तिनका तिनका जोड़ के,
कुछ वैसा ही होगा हाल मेरा भी तुमसे बिछड़ कर।
एक माँ की नज़रे जैसे हर वक़्त तलाशा करती हैं बच्चे को अपने,
जैसे तड़पती है वो उसके दूर जाते ही,
कुछ वैसे ही तड़पा करूंगी मै भी तुमसे बिछड़ कर।
जब खेतो मे होती है पानी की ज़रूरत,
और हर रोज़ बादल बस गरज के निकल जाते हैं,
जैसे उस वक़्त एक किसान को होता है बारिश का इंतज़ार,
वैसे ही मै भी देखूंगी राह तुम्हारी तुमसे बिछड़ कर।

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31 MAY 2018 AT 0:37

हम ज़िन्दगी भर साथ रहें ये शायद मुमकिन नहीं,
जब तक तू साथ हो बस उतनी ही ज़िन्दगी हो मेरी।

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29 MAY 2018 AT 0:21

ख्वाब में ही सही,तुम कम से कम आया तो करो।
मत थामो हाथ मेरा,मगर देख कर थोड़ा मुस्कुराया तो करो।

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27 MAY 2018 AT 17:00

आज तुम मेरे पास ना सही,
तुम्हारे दिए हुए गुलाबों की खुशबु हमारे प्यार को आज भी ज़िंदा रखे है!
हां, वही जो मैंने घरवालों से छिपा कर एक डायरी में रख दिए थे,
वो मुरझा ज़रूर गए हैं मगर उनकी खुश्बू आज भी ताज़ी सी है।
पहले गुलाब की तो मानो बात ही कुछ अलग है,
जैसे पहले प्यार की महक कभी कम नहीं होती,
उसका भी जैसे वही हाल हो।
चाहे कितने भी पन्ने पलट लो, पहले पन्ने पे रखा गुलाब आखिरी पन्ने तक अपनी खुश्बू का एहसास कराता है,
और तुम्हारे करीब होने का भी.....

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