एक डर सा लगता है
तुझे अगर दिल से निकाल दिया तो
इस दर्द का क्या होगा
यह दर्द ही तो है जो मुझे तेरे से जोड़े रखता है
शायद तुझें तो मैं जाने दु पर
इस प्यार का क्या करूँ
जो मैंने अपने दिल में दबा रखा है
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दिन गुज़रते रहे
और मैं उसे दूर जाते देखती रही
धीरे धीरे जैसे दिन गुज़रे
उसके कदम मेरे से दूर जाते रहे
पहले कुछ समझ नही आया
कि ऐसा क्या हुआ
क्यूँ अचानक उसे मेरा साथ गवारा ना हुआ
जो रोज़ खुब बातें करती थी
उसकी आवाज़ की चहक यूँ खामोश हो गयी
ज़रे ज़रे की तरह कुछ बिखरता सा गया
कुछ इस तरह मैने खुद को खुद से अंजान बनते देखा।-
ज़िंदगी कुछ थमी सी लगी
जब हम गीत गुनगुनाना भूल गए
दिखा तो सिर्फ अंधेरा चारो ऑर
जब हम मुस्कुराना भूल गए
उम्मीद की उंगली थामे
अब ज़िंदगी फिर से चलने लगी है
कभी धूप तो कभी बारिश गिरने लगी है
कुछ अलग तो ज़रुर है
भीड़ थोड़ी कम है
शायद किसी को कही जाने की अब जल्दी नही है
अब ज़िंदगी सही मायनो में जीने लगी है।-
अक्सर टूटते तारे से मैने तुझे मांगा है
पर जिसका खुद का वजूद खत्म हो रहा हो
वो मेरी ख्वाइशों को कहा पंख लगा पायेगा
सिर्फ चांद का हक़ है रात पर, चांदनी पर
और टूटते तारो पर, बादलों का नही।-
बदकिस्मत कहता था मैं खुद को
जब दिन यूहीं गुज़र जाता था अकेला
कुछ गम था जो दिल दुखाता था
कुछ सपने थे जिन तक मैं पहुच ना पाता था
आज उन्ही दिनो को याद करता हूँ
वापस आने की दुआ करता हूँ
क्युंकि तब मन में डर नहीं था
अपनों को खोने का खौफ नही था
वो साधरण सा दिन ही काफी खास था
आज मैं यह समझ कर खुद को
फिर से नासमझ सा मान बेठा हूँ।
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इस शहर की चकाचैंध में
खुद को कही खो सा गया था
इन दिनो हालत कुछ ऐसे हुए
खुद वक़्त ने मुझे दिए है कुछ पल
खुद को ढूंढने के ।-
कभी कभी शायद खुद को पाने के लिए
किसी को खोना पड़ता हैं ।
तुझसे दूर जाना क्या सीखा कि
खुद को भटका हुआ सा पाया।-
Definition
Let go (verb)
When you realise that
you are no longer a
source of happiness for the one,
you loved more than yourself.-