Sonal Pradhan   (© सोनल प्रधान)
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Joined 2 October 2018


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9 JUL 2021 AT 4:53

आप मुझे ही नहीं
पीयूष मिश्रा के गाने भी पूरे करते हो
जिसे मैं गुनगुनाने की प्रक्रिया में
पूरी होती रहती हूं
एक पूरा चांद नहीं चाहती
मैं जानती हूं कि
पूर्णिमा के अलावा भी चौदहों दिन
चांद पूरा रहता है
केवल सूर्य की प्रतिछाया ही नहीं
उसे अंधेरा भी पूर्ण करती है
मेरे अपने!
आप मुझे अंधकार से भी
पूरा करना
मैं सदा दीप्त नहीं
सदैव पूर्ण रहना चाहती हूं।

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9 JUL 2021 AT 4:28

तुमने चांद से लंबी प्रतीक्षा की है
तुम्हारी प्रतीक्षा मुझे एकेश्वर वादी बना रही है
मेरे ब्रम्हांड में एक ही चांद है
हज़ारों हज़ार धूमकेतु
पंछी, आकाश , बादल, लोग बाग
सभी धूमकेतु हैं
जब तुम आधे होते हुए दिखते हो
मैं तुम्हें साफ़ देख पाती हूं
मेरा अंधकार तुम्हें लील रहा होता है
और तुम अंधकार को पोंछकर
फिर फिर आते हो
तुम्हारी प्रतीक्षा मुझे थोड़ा और मानव कर रही है
यदि मानवीय नाता ना जुड़ सके
औंधे मुंह धरती बन तुम्हें देखना चाहती हूं
तुम्हें एकटक देखना भी
मुझे छांह और अर्थ देता है।

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27 JUL 2020 AT 21:36

तुम्हारे जाने का अहसास
तुम्हारे आने सा लगता है
जब तुम मुड़ कर
लड़खड़ाती आंखों से
मेरे कानों में
रख जाओ
अपने जाने की बात।

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5 APR 2020 AT 23:18

Photography?!
Pause for once to ponder for years.

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7 MAR 2020 AT 1:51

दस गज के दिल में धड़कता
ओज और जज़्बा है हमारा;
सादगी की लिहाफ में लिपटा
' बसना '
एक छोटा कस्बा है हमारा।

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11 DEC 2019 AT 0:35

शहर में शोर ना होना
सन्नाटा है
गांव में शोर ना होना
शांति है

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10 DEC 2019 AT 23:02

मुश्किलों के अग्निकुंड में
थोड़ी और हिम्मत झोंको
लहरें उजाड़ दें तो क्या?
घरौंदे बनाना मत रोको!

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10 DEC 2019 AT 22:30


पुरानी कलम के टूटने से पहले
पतंग का धागा छूटने से पहले
दौड़ती, भागती, नज़रें चुराती मुस्कान को
रोकना होगा
रोकना होगा
ताकि
बच्चे का कपास मन
खारे पानी से
हो ना जाए तरबतर।
मोनू की मां भागती होगी
उस लाल बत्ती की गाड़ी के पीछे
मगर गाड़ी की रफ्तार
ज़रूर बढ़ गई होगी!
मोनू की मां
अंजुली भर सपनों को
छोड़ आयी होगी
सड़क के गड्ढों और ढर्रों पर!

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10 DEC 2019 AT 22:02

जिजीविषा का प्रश्न हो
तो
जीस्त जरा से लड़ लेता है
शब्द तहज़ीब में ना हो
तो
मौन तमाचे जड़ देता है
लिबास चीखता है
इतराता है
हुनर शांत बैठकर
मुस्कुराता है

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10 DEC 2019 AT 21:51

शब्द तहज़ीब में ना हों
तो
मौन तमाचे जड़ देता है

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