मैं कहु भी तो कैसे कहु
लफ्ज़ कहा इतना बयां कर पाते है
मैं कहु भी तो क़िस्से कहु
लम्हें कहा लौट कर आते है
झूट कहते है लोग मिलेंगे फिर से
जीवन की भाग दौर मे कौन किससे मिल पाते है
जो. बीत गया वो छूट गया
फिर कभी न लौट क़र आएगा
मैंने दिल को अभी से समझा लिया
वरना ये बेचारा सम्हल नहीं पायेगा
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Kadr bahut hoga aapka thora aur sabr karo !
Maine tumhein jan liya ,sabhi tumhein janege ,
Purani sarab ki tarah tumhari bhi ahemiyat janege,
Dekhte raho jamane ko
Sikhte raho jamane se ,
Jin logo ke bich aaj baithe ho ,
Kal unme sabse unchi tumhari pehchan hogi ..
Gussa pe kabu ,khud pe vishwas aur thora sa aur sabr karo.....!!!
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ढलती धुप के संग अब ये उम्र भी ढल जायेगा
दिल अभी मासूम है ,सायना हो जायेगा
फुर्सत मे है अभी, जिम्मेदारियों से दब जायेगा
खुद को जो न पसंद हंस के वो भी कर जायेगा
बस एक बचपन ही है जो कभी लौट कर नहीं आएगा-
वक़्त पर किसी ने साथ न दिया ,
तनहा थे किसी ने बात न किया ,
उलझते गए सवालों के घेरे मे ,
न जाने कैसे पहुंच गए कब्र के अँधेरे मे ..
शाम का इशारा है,
मुश्किल मे फँसा दिल बेचारा है ,
कहने को चाँद पर ठिकाना है ,
अब बस मौत का चर्चा कर रहा जमाना है !
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देख रही हु मैँ
अब सारी वादियां धीरे -धीरे छटती जा रही है ,
मेरी सारी दोस्त ख़ुशी से बिकती जा रही है ,
देखा था जहाँ सबने नौकरी का सपना ,
अब किसी और के दफ्तर जाने की फरमाइश में ,
सुबह उठकर रोटियां पका रही है ,
दफनाकर अपने खवाबों की पोटली कहीं ,
दूसरे के आशियाँ को अपना घर बना रही है .....-
सब्र का बाँध अब टूटता जा रहा है
कोई अपना जैसे छूटता जा रहा है ,
एक पल भी अब इंतज़ार न होता
हम बड़े ही न होते तो कितना अच्छा होता ,
न कोई झिझक होती बतियाने में
न सर पर सीकन होती मुस्कुराने मेँ ,
खुल कर होती मुलाकातें , वो बचपन वाली बातें
बैठते साथ साथ न होती कोई दूरियां दरमियां ,
बस थम जाती घड़ियां वहां
रहते थे हम खुश ,बेपरवाह जहाँ
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दफना देंगे तेरी तस्वीर को हम
यादों मेँ भी ज़िक्र ना करेंगे तेरा
कभी तुने माना था मुझे खुदा
हर बार था मेंरी गलियों में तेरा आना जाना
पर अबकी बार गुजरी जो तू मेरे दिल की वादियों से
एहसान बस इतना करना बस यूँही चुपचाप गुजर जाना
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तुझमें ही मेरी दुनिया
तुही मेरी हर ख़ुशी
तुझसे ना बांटूं तो
फीकी है मेरी हर हसी
तू जरुरी है मेरे लिए
जैसे सांसें जरुरी है जिंदगी के लिए
बिछारना ना तू कभी मुझसे
रहना हमेशा साथ
दिखा देंगे दुनिया को
हमारी दोस्ती में भी है
दीये और बाती जैसी बात
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ये दोस्त क्या लिखूं मैं तेरे बारे में
तू वो है जिसने मुझे जिंदगी जीना सिखाया
हर मोर पर हर बार गिरने से बचाया
दुनिया के भीड़ में सही गलत का पहचान कराया
मेरे फेल होने पर सबने जब मुझसे अपना हाथ छुड़ाया
तब तूने मेरा हाथ थामकर मुश्किलों से लरना सिखाया
हाँ आयी बहुत इन्तहानें हमारी दोस्ती की राह मे
पर हमने एक दूसरे पर भरोसा कर
सच्ची दोस्ती का दुनिया मे मिसाल बनाया-
गुरु वो अनुभवी केवट होता है ,
जो अपने
हर शिष्य की नव को तूफानी लहरों से ,
हर मोर पर ज्ञान के पतवार के सहारे ,
राह में आयी
हर मुश्किलों का सामना कर ,
सुरक्छित किनारे तक पहुंचना सिखाता है
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