Sonal Awasthi   (Sonal)
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लेखन विचारों की अभिव्यक्ति है

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Joined 8 March 2018


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20 MAR 2018 AT 19:34

क्यों आ जाती है नींद तुम्हें ,मुझे तन्हाइयों में छोड़कर,
शायद ख्याबो में दीदार करते होगे।

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11 APR 2021 AT 21:16

मैनें लाल रंग का गुब्बारा थाम रखा है हाथ में , उसको ऊँचे आकाश में उड़ने देना चाहती हूँ, जितना गुब्बारे में बंधा धागा धीरे- धीरे ढीला करती हूं गुब्बारा उतना ही ऊपर चला जाता है ऐसा करते करते धागे का छोर ही अंगुलियों की पकड़ में रह जाता है धागे के छोर के साथ ही मन में अजीब सी बेचैनी शुरू हो जाती हैं कि अगर धागा छूट गया तो गुब्बारा भी हाथ से छूट जाएगा लेकिन मैनें ही तो चाहा था कि गुब्बारा आकाश की ऊंचाइयों तक उड़े..गुब्बारा हाथ से छूटने के डर से मेरे साथी भी गुब्बारे को संभालने की कोशिश में लग जाते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, धागे का अंतिम छोर भी हाथ से फिसल जाता हैं..
हम गुब्बारे को जितना आकाश की ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं , उसके लिए उतने लंबे धागे का इंतज़ाम भी कीजिये। आधी अधूरे इंतज़ाम या तैयारी आपके सपने, हौसलों में बाधा बन सकते हैं.....
#शाम की चाय और ये विचार

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11 APR 2021 AT 21:14

मैनें लाल रंग का गुब्बारा थाम रखा है हाथ में , उसको ऊँचे आकाश में उड़ने देना चाहती हूँ, जितना गुब्बारे में बंधा धागा धीरे- धीरे ढीला करती हूं गुब्बारा उतना ही ऊपर चला जाता है ऐसा करते करते धागे का छोर ही अंगुलियों की पकड़ में रह जाता है धागे के छोर के साथ ही मन में अजीब सी बेचैनी शुरू हो जाती हैं कि अगर धागा छूट गया तो गुब्बारा भी हाथ से छूट जाएगा लेकिन मैनें ही तो चाहा था कि गुब्बारा आकाश की ऊंचाइयों तक उड़े..गुब्बारा हाथ से छूटने के डर से मेरे साथी भी गुब्बारे को संभालने की कोशिश में लग जाते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, धागे का अंतिम छोर भी हाथ से फिसल जाता हैं..
हम गुब्बारे को जितना आकाश की ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं , उसके लिए उतने लंबे धागे का इंतज़ाम भी कीजिये। आधी अधूरे इंतज़ाम या तैयारी आपके सपने, हौसलों में बाधा बन सकते हैं.....
#शाम की चाय और ये विचार

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11 APR 2021 AT 21:09

एक अभिनेता की है, हर इंसान अपने -अपने हिस्से का रोल प्ले कर रहा है..दुनिया के रंगमंच पर हर इंसान कर्मों के हिसाब से निर्धारित रोल अदा कर रहा है और इंसान को गुमान है ये सब वो कर रहा है , हकीकत में इंसान पहले से रिकॉर्ड ड्रामा में अपना अभिनय कर रहा है.

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19 MAR 2021 AT 19:04

मैं सबसे कहती रहती हूं, कि मेरी याददाश्त बहुत तेज़ है, केवल कहने के लिए नही कहती, वास्तव में बहुत शार्प है मेरी मेमोरी, इतनी शार्प है कि केवल वही बातें ,इंसान ,यादें , खुशियां , दुख , चेहरे, भाव, याद रखती हैं जो मैं रखना चाहती हूं वैसे तो मुझे ये भी याद नही रहता कि सुबह क्या खाया था, कल मुझसे किसने किस बात पर झगड़ा किया था, मैं पर्स में पैसे रखकर अक्सर भूल जाती हूँ, और बैंक जाकर और पैसे निकाल लेती हूँ, मैं ये भी भूल जाती हूँ कि मेरे पास कौन कौन से कपड़े हैं। फिर बैठकर सोचने लगती हूं ,और इंसानों की तरह मैं भी कितनी स्वार्थी हूँ , केवल वही याद रख पाती हूँ, जो मेरे लिए मायने रखता हैं, और ये मायने रखने वाली यादें , मस्तिष्क में गहरी जड़े जमाकर मुझे गाहे बगाहे झिझोड़ती रहती हैं..
याद दिलाती रहती हैं कि मेरी याददाश्त बहुत तेज़ है.....

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14 AUG 2020 AT 20:39

जब तुम मेरा आलिंगन करते हो.....
तुम्हारे हृदय की धड़कनें ..... संगीत की तरह.... बजती हुईं मेरा ही नाम सुनाती है
❤️❤️❤️

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14 AUG 2020 AT 20:31

प्रेम का कोई आकार नही होता
फिर भी पूंछा जाता है
आकर प्रेम का....
प्रेम का कोई रूप भी नही होता
तब भी पूंछा जाता है
रंग प्रेम का.....
प्रेम की कोई गणित नही होती
फिर भी देखा जाता है
नफा नुकसान ....
लेकिन
प्रेम तो बस प्रेम होता है
'मेरा' तुमसे और तुम्हारा किसी और से

प्रेम में तो बस सुगंध होती है
जो बिखेरती है अपनी सुगंध.....

असंवेदनशील प्राणियों से भरी दुनिया में.....

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14 AUG 2020 AT 20:20

बेवजह दूसरों की जिंदगी में ताकझांक करके
सोशल मीडिया पर पीछा करके
बिना मांगे अपनी सलाह थोपकर

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12 AUG 2020 AT 17:58

recognize my self-esteem
worked on self-love
empowered my skills

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12 AUG 2020 AT 17:54

selfish people
selfish thinking
selfish behaviour

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