मानां अब हम बात नहीं करते मतलब ये नहीं कि अब हम याद नही करते गम ए- तन्हाई खा रहा राेज मुझे.. सब जानते है पिपल के पेड़ पर कभी आम नही लगते पढ़ना है हमे ताे बस चेहरा पढ़ना क्युकि हम लफ्जाे से कभी उदास नही लगते
मैं बिना इज़हार तुमसे मोहब्बत करती हुं तुम बिना कहें मुझे अपना सकते हो क्या? मैं तुम्हारी हर बात पर गौर करती हुं तुम मेरी सारी बकवास सुन सकते हो क्या? मैं थोड़ी सी बुरी हुं साफ कहती हुं तुम मुझे अपने काबिल बना सकते हो क्या? मैं जिस्मों वाली मोहब्बत मैं नहीं मानती तुम मुझसे इश्क वाली मोहब्बत कर सकते हो क्या? और मैं बांट लुंगी तुम्हारे साथ खुशियां अपनी तुम भी मेरे साथ अपने गम बांट सकते हो क्या?
दोस्ती ना रस्म है.. न ही रिवाज है.. यह तो एक अनछुआ एहसास हैं.. जिससे भी हाे जाए दाेस्ती बहुत... ख़ास हाेता है ..दिल के लिए. हां बात अलग है कुछ दोस्त गिरगिट हैं Sorry मजाक चलता है इतना 😂😂