बचपन में पढ़ा था कि कैसे डाकू खड़गसिंह, भिखारी का भेश बनाकर बाबा भारती का घोड़ा चुराता है और अंततः उन्हें चुपचाप लौटा आता है।
जमाना बदल चुका है। आज का खड़गसिंह बाबा बनकर आता है, घोड़ा छीन ले जाता है और उसके चेले-चपेटे पीछे-पीछे खूँटी भी उठा ले जाते हैं।
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