दोनों, पूर्ण हो जाने को,
यूंही धरा व्याकुल नहीं रहती, कुछ बूंदों को पाने को।।-
कुछ लफ़्ज़ों का सहारा हैं, कुछ कागज़ पे उतारा हैं। थोड़ा साथ दे... read more
कोरे आसमान के दामन में, वो शांत सलोना लगता हैं,
इन जज्बाती तारों को, तो चाँद खिलौना लगता हैं।
कोई अपने दिल की चाहत, कोई एहसासों की राहत,
कोई अपने रिश्ते नाते, कोई भूली बिसरी यादें,
सब की तलाश है चंदा पर, सब एहसास है चंदा पर,
इतने रिश्ते नातों में,किरदार तो बौना लगता है,
टूटे टुकड़े दिल हैं जितने, उन्हें चाँद खिलौना लगता हैं।।
-
, निगाहें भीग न जाए,
नुमाईश दर्द की हो तो लोग, नमक रगड़ के जाते हैं।।-
इस तरह तेरे नज़रो से, नज़र चुराते हैं,
छुप छुप के बस तुझे ही, निहारे जाते हैं।
पलकें बंद कर के, तुम्हे पास बुलाते हैं,
और पलकें खोल कर, लफ़्ज़ों से, कागज़ पर,
तस्वीर बनाते हैं तेरी।।
हर एक हर्फ़ से, तस्वीर सजाते है तेरी,
सिहाई में घुल के, तस्वीर बनाते हैं तेरी।।
~ प्रियदर्शी-
उसकी शर्माती हँसी और लज्जाती आँखों ने,
एलान किया हैं,
कि "अभी" तुम पर उसका आ गया,
ये मासूम "जिया" हैं।।
~ प्रियदर्शी-
, और महरूम कर गए,
दोस्ती में इतनी मगरूरियत भी, अच्छी नहीं होता।।-
,
है एक घनघोर सन्नाटा,
जिसकी आरज़ू तो बहुत सी हैं, मगर कुछ कह नहीं पाती।
जहाँ हक़ीक़त धुंधली,
और मन के मनुहार सच्चे हो जाते हैं।
हैं बहुत कुछ और कभी कुछ भी नहीँ, दोनों के दरमियाँ,
मगर हैं शून्य सा एक रिश्ता,
जो कभी धनवान करती हैं,
कभी ख्वाब बेज़ुबान करती हैं।-
Ab koi classes nahi honge,
Koi aana jaaa nahi hoga,
May I come in nahi hoga,
Koi assignment nahi hoga.
Wo kuch nahi hoga,
Jisse hum door bhaagte the.
Hum chahte the jo jaldi khatam ho jae,
Aur aaj ye sab khatam ho raha hai,
Aaj ye sab khud door bhaag raha hai,
To aisa kyun lag raha hai,
Ki ek baar fir class ho jae,
Fir se professor ka koi mazak ho jae,
Kuch naya, kuch purna ehsaas ho jae,
Kuch boring si, kuch khaas si,
CLASS ho jae...-
महफिलों में रक़्स नहीं करती,
मेरे लफ़्ज़ों की आबरू,
ये जज़बातों का मामला हैं,
हमराहों संग होता हैं....
जब होगी कभी सिक्कों की खनक,
और जज़्बाती हर लफ्ज़ की,
सही क़ीमत अता होगी,
तब शायद ये कलम की आबरू,
दो रोटी की इनायत पर,
बाज़ारू हो जाएगी...-
उस हसीन के शहर से,
ऐ हवा, उसके लबों की लहक ले आना,
जो जल जाए तेरे होंठ उस लहक में,
तो कुछ नहीं,
बस उसकी महक ले आना।।-