Soma Sur  
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अहम् ब्रह्मास्मि
Joined 23 August 2018


अहम् ब्रह्मास्मि
Joined 23 August 2018
22 DEC 2021 AT 13:55

भूख से बड़ा 'बे-अदब' कोई नहीं
भूखे से बड़ी 'बे-अदबी' कोई कर नहीं सकता।।
सोमा

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10 NOV 2021 AT 21:36

सांत्वना संदेश भी कितना हास्यास्पद होता है।
प्रियजन की मृत्यु के बाद परिजनों को
क्या कोई सांत्वना 'शांति' दे सकता है??

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14 OCT 2021 AT 1:28

बस एक वाक्य और उसमें कहा एक शब्द... तुम बहुत 'समझदार' हो।
बहुत वजनी होता है। इसे सारी जिंदगी ढोना पड़ता है।

क्योंकि दुनिया के सारे नियम कायदे समझदार इंसान के लिए होते हैं।

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14 OCT 2021 AT 1:21

किसी पर इतनी जिम्मेदारी भी मत दो
कि उसे अपने आंसू भी छुपाने पड़े।

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14 OCT 2021 AT 1:16

लोग कहते हैं किसी के चले जाने से 'जिंदगी तो नहीं रूकती'।

'लेकिन थम जरूर जाती है' ये कहना भूल जाते हैं।।

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14 OCT 2021 AT 1:12

बनावटी मुस्कान के सहारे जीना आ गया।
हमें भी कहां अपनी अदाकारी का हुनर पता था।

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14 OCT 2021 AT 1:09

खुद ही अवसाद में डूबना, फिर अपना हाथ खींच कर उस अवस्था से उबरना।
पिता विहिन संतान की यही नियति है।

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8 OCT 2021 AT 10:11

मौतें हिंदू, मुस्लिम, दलित हो जाती है
जान की कीमत कोई नहीं होती है।

राजनीति बड़ी ज़ालिम है
मौका देखकर चुनावी पर्यटन पर निकलती है।

जो विचारधारा मुझसे न मिलती हो तो 'थू'
मेरे मनमुताबिक हो तो वहीं 'थूक' निगल ली जाती है।
सोमा

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23 SEP 2021 AT 12:51

The appetite of sea always constrained When its demand completed then the sound of thunder increases.

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15 AUG 2021 AT 2:08

जब भी पुरुषों ने
युद्ध किए,
साम्राज्य जीते,
दांव लगाए
अहम में हारे
चोट खाई
या
प्रेम किया
पहला आक्रमण किया स्त्रीत्व पर
पहला सौदा तय किया स्त्री का
पहली बोली लगाई स्त्री की
पहला बदला लिया स्त्री से
पहला दर्द मिला स्त्री को
पहला धोखा खाया स्त्री ने

क्योंकि स्त्री उनके लिए
मान थी,
सम्मान थी,
घर की इज्ज़त थी,
परिवार का गुरूर थी,
चौखट की लाज थी,

क्योंकि स्त्री हमेशा
पुरुष की सम्पत्ति बनी रही
बस इंसान नहीं बन पायी।।
सोमा

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