मायने नहीं रखता कि आपके अंदर कितनी काबिलियत है,
मायने यह रखता है कि आपके व्यवहार से कितने लोग संतुष्ट हैं।
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-
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नादान थे हम जो मोहब्ब्त कर बैठे
ये गुनाह हम कई बार कर बैठे,
सोचा हर सक्स हमारी तरह दिलदार निकलेगा
बेवफाओं के चक्कर में जिंदगी तबाह कर बैठे।
😢😢😢😢😢
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-
ए खुदा इतना भी करीब ना कर मुझे उसके,
दूर जाने के बाद मैं खुद को ही संभालना सकूं।
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-
पीना तो मुझे आता नहीं था
वो तो तेरी दो पल की मोहब्बत ने
मुझे शराबी बना दिया।
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-
चेहरा देखकर भरोसा मत करना यें दोस्त,
यहां लोग हस हस कर कड़वी बात बोलते हैं।
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-
खुशी ठिकाना न था जब वो खुद खाली पेट
पर बच्चों को खिलौने और मिठाई लाया था,
वो पिता ही होता हैं जो अपनी खुशियों को
त्याग कर अपने बच्चों कि खुशियों को ढूंढता है।
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-
चमचमाती मेरे शहर की लाइटें
बहुत कुछ बता रही हैं,
चलना तुझे अकेला ही है
यें अंधकार से पाने का रास्ता दिखा रही है।
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-
थोड़ा सा बुरा वक्त क्या आया
लोगो के झूठे नकाब उतर गए,
कल तक जो अपने होने का सबूत देते थे
वो हाल चाल भी नहीं पूछते।
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-
जिंदगी उलझी पड़ी है भविष्य की गुत्थी सुलझाने में,
जिंदगी रोज नए जख्म के साथ हर मोड़ पर खड़ी है।
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-
बंदिशों में रहने को मै आज भी कैद समझ ता हूं,
जो दिल कहता है मै आज भी वहीं करता हूं।
खुद से खुद तक
सोहित शर्मा (बरेली)-