वो एहसास जिसे देख वो पल हो जाए बेहद खास, और रहे वो पल दिल के पास।
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दिल को खुद से निकल... read more
एक आस थी की तुझसे मुलाकात होगी
बड़ी मुश्किलों से ही ,पर थोरी बात होगी
निगाहों से जब निगाहें मिलेंगी, इशारों से ही बयां जज्बात होंगी।
खैरियत पूछेगी आँखों का इशारा, लबों की लपल्पाहट् ही जबाब होगी।
चौड़ी पलके नाराज़गी, तो झुकी पलके सहमती की पहचान होंगी।
पर नाजाने किसकी नज़रें लगी मेरी मुश्कुराहटो
को,
अब मुश्कुराने का बहाना ही खतम हो गया
ना जानू मैं , क्यूँ बिन बताये तूने आना ही बंद कर दिया!!!-
मैं इश्क उसे ही कहता हुँ
जो मुझसे नफरत करती है।
नफरत करने का कारण
मैं इश्क उन्हें क्यों करता हूँ, मैं इश्क उन्हें क्यों करता हूँ।-
तुमहारे दिल में क्या है?
बयां तुम आज ये कर दो
मोहब्बत ना हो लेकिन
कोई रिश्ता हो तो कह दो
मुझे साथ पसंद है तेरा, मैं तेरा साथ चाहता हुँ
मैं जीवन के सफ़र मे मेरी, तेरी दोस्ती का हाथ मांगता हुँ।
हों गर मंजूर तुझको, तुझे अपना परिवार मानता हूँ.......!!!-
है ज़िंदगी समस्याओं मे उलझी
इन्हे सुलझाऊ कैसे?
जो नसीब में नही उन्हें, चाहू कैसे
वो मन्नत है मेरी,उन्हें भुलाऊं कैसे?
आखिर किस्मत की लकीरों मे उन्हें पीरोऊँ कैसे?
मुक्कदर से तो लड़ भी जाऊँ पर,
वो चाहत है मेरी
बताऊँ कैसे!!!-
आज फिर मेरे साथ एक मजाक हो गई
मसला पढाई का था
मुलाकात बिछरे प्यार से हो गई!!!-
एक चिठ्ठि लिख रखी है, तेरे नाम की
सुनोगी किया?
मेरे कलम की आवाज़ बनोगी किया....!!!-
है दुखो का समंदर, भुलाऊं कैसे
बह रही आखों की छलक छुपाऊँ कैसे
जिसे समझा था अपना, वो छोर गई मुझे
अब उसे अपना बताऊँ कैसे!!!-
हसरत नहीं की तुम मेरे प्यार में मरो
चाहत बस इतनी की थोरा प्यार तो करो
बेश्क नही तुम मिलने किसी होटेल में आना
बस एक झलक दीदार का खिरकी पे करवाना
होली के रंगों में रंगी तु लगती हैं सोनी
लोग कहे तु प्यार है सोहन की,ओ सलोनी
जब रंगों में रंगी तु लगती है सतरंगी
तुझे निगाहों में भरके मैं भी हो जाऊ अतरंगी
मुझे याद वो दिन जब तूने रंगो से खुद को था छुपाया
मेरी कहने पे तूने मुझसे रंग लगवाया
होने लगी थी चर्चा तेरी सहेलियो में
केहती थी मुझे जीजा वो मगर पहेलियों में
ऐसी ही कई यादे मेरे दिल को है लुभाई
पर होली ये दास्ताँ मेरी दिल मे समाई
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हुआ गणतंत्र देश हमारा
लाख जतन परिश्रम से
इसे मनाता है देश हमारा
बड़े हर्ष उल्लास और उमंग से-