मेरे खराब लेखन कार्य से हुए खराब काग़ज़ में
तुम्हारी सुंदरता से सुन्दर लिखा है लेख तुम्हारी सुन्दरता पे-
Happy wala bday🎊🎉➡️30 may and 30 June 😍
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Rj23 ... read more
पहले उतरी कुंवारी चूड़ियां,फिर उतर गया ब्याहा चूड़ा
पुरुष के वही शौक वही नजरिया-
जानते मंदिर जानते मस्जिद वाले मुझे
और जानते ये सीढियों वाले मुझे
होता स्वागत मेरा बड़े भिखारियों में
जो मांगता बाहर और मांगता मंदिर में तुझे-
एक ऐसा इंसान जिंदगी में आए
माँगे मुझे मेरे से, माँगने मंदिर ना जाए
मिल उसे हम बस कहने भर से जाए
माँगने बस वों एकतरफ़ा ना आए-
उसके कन्यादान के बाद। ऐसे मरे हैं कि
जीना तो मुश्किल है। बस अंगदान हो सकते हैं-
हों खामियां मंजूर तो ही दोस्ती करना
वर्ना अच्छाइयों में तो हम गैरों का भी भला कर देते हैं-
ये टिक टिक करने वाली घड़ी। मेरा सबकुछ जानती हैं
रुके जहाँ मुझे करना क्या वहाँ। ये सब पहचानती हैं
दो सुइयों के बीच चल रही जिंदगी
एक थोड़ा कम, एक ज्यादा कम कर रहीं जिंदगी
एक आगे, एक पीछे। बीच में मुझे थामे
एक बड़ी, एक छोटी। फिर भी बराबर चल रहीं जिंदगी-