कब्र सा दिल मेरा, न जाने कितनी इच्छाएँ,
दफन होती जा रही हैं, हर एक ख्वाहिश की राह में !-
Sohaldeep Kaur
(Kaur S)
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Joined 28 September 2021
8 FEB AT 22:43
24 DEC 2024 AT 19:28
“देर” कितनी हो गई, इस बात का एहसास भी अक्सर “बहुत देर” हो जाने पर होता है।
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18 NOV 2024 AT 22:26
बुरा कैसे कह दें वक़्त को,
वो तो सबकी असलियत दिखाता है।
जो छिपा होता हैं दिल के अंदर,
वो वक़्त ही तो बाहर लाता है।-
18 SEP 2024 AT 22:52
कहते हैं कि अंत में सब ठीक हो जायेगा,
लेकिन अंत का भी अंत होने पर ठीक होना भी क्या ठीक होगा ?-
26 JUL 2024 AT 11:16
आँखें बंद कर रोज़ बातें करता हूँ,
खोलते ही वो ख़्वाब बन जाता है।-
11 JUL 2024 AT 22:26
चलो बिखरने देते हैं अब चीज़ो को, सँभालने की भी तो एक हद होती हैं…
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3 FEB 2024 AT 11:09
जो गलत लग रहा हैं, वो गलत ही है…
खुद को ये मत समझाओ की वो सही हैं …!!-
7 NOV 2023 AT 23:30
दूसरों को हक दिलाते दिलाते,
खुद के हक कब छीन गए, पता ही नहीं चला।-