कुछ रिश्ते ऐसे हो जाते हैं कि समाज को दिखाने
के लिए उन रिश्तो को निभाना पड़ता है
पर वास्तव में वह रिश्ते टूट चुके होते हैं।-
हर इंसान को उसके कर्मों के हिसाब से ही उसे फल मिलता है,उसमें कोई भी हिस्सेदार नहीं बन सकता है। इसीलिए हर इंसान को अपना कर्म ईमानदारी से करना चाहिए,किसी दूसरे व्यक्ति से प्रभावित नहीं होना चाहिए ।
-
सच्च को साबित किया नहीं जाता
और
झूठ को आप सच्च साबित कर नहीं पाएंगे।-
जब आपके अंदर कुछ खोने का डर ना हो तो
आप दुनिया के हर मंजिल को बहुत ही आसानी से पा लेंगे।
वह डर ही तो होता है जो आपको कुछ करने से रोकता है।-
सच्चाई सुनने की ताकत सभी में नहीं होती है
लोग झूठे प्रशंसा सुनना पसंद करते हैं।-
हर इंसान एक अदृश्य बेड़ीयों से जकड़ा हुआ है
जिसे चाह कर भी नहीं तोड़ पाता है
उस बेड़ी का नाम ज़िम्मेदारियां है।-
इंसान के जीवन में रिश्ते हमेशा
समय और परिस्थिति
के हिसाब से बदलते रहते हैं।-
अपने आपको वक्त के हिसाब से बदलते रहिए
अन्यथा वक्त अपने हिसाब से आपको बदल ही देगा.
Rnitish dialogue-
साली जीत भी एक लत की तरह होती है
और यह लत जिसे लग जाती है
वह हारना पसंद नहीं करता है.
Rnitish dialogue-