सन्नी मिश्रा   (अज्ञातवासी)
1.5k Followers · 340 Following

read more
Joined 17 February 2019


read more
Joined 17 February 2019

आप तब तक लोगो के लिए अच्छे है
जब तक आप उनके उम्मीदों को पूरा कर रहे है
और
लोग आपके लिए तब तक अच्छे है जब तक आप उनसे उम्मीदें नही करते।

-



कई दिनों से उलझन में हूँ मैं
की मम्मी-पापा पर क्या लिखूं मैं,
क्या उनपर कोई कविता बनाऊं..
या उनके बारे में कुछ बताऊँ,
पर किसी निश्चित अंजाम तक नही पहुँचा मैं
पता नही क्यो कुछ समझ ही नही पाया मैं,
जब पूछा मैंने अपने आप से...
की प्यार मोहब्बत पर तो झट से लिख देता हूँ
तो क्यों नही इनपर लिख पा रहा हूं मैं
तो जबाब दिया मेरे दिल ने.
जिस माँ ने मुझे बनाया है
उस पर क्याही बनाऊं मैं
और
जिस पापा ने दुनिया के सामने
कुछ बोलना या कहना सिखाया
उनके बारे में क्या ही कहूँ मैं...
LOVE U ❤️mummy❤️ 👑Papa👑

-



बातें तो मेरी बिल्कुल सही थी,
जो जो मैं ने तुझसे कही थी।
शक होना लाज़मी था तेरा मुझपर,
हरकतें भी तो मेरी वैसे ही थी।

-



न हक़ दो इतना की तकलीफ हो तुम्हे,
न वक्त दो इतना की गुरुर हो हमें।

-



करोगी मोहब्बत तो ये घर भी छोड़ना होगा
हमारे साथ तुझे ये शहर भी छोड़ना होगा
टूट जाएगा जब घर वालो से रिश्ता
माँ के हाथों से निवालों का रिश्ता
अंजान शहर में ये बुखार भी मर जाएगा
अंजान शहर मे ये बुखार भी मर जाएगा
भूख लगेगी तो प्यार भी मर जाएगा
बुलाएंगे घर वाले तो अपने घर लौट जाओगी
हमे ठुकराकर अपने शहर लौट जाओगी
हम पर आएगा तुझे बहकाने का इल्जाम
"लड़की पर नही आता भगाने का इल्जाम"
फंस जाएंगे हम जमाने के चक्कर में
जवानी निकल जाएगी थाने के चक्कर मे
फिर तू अपने बयान से पलट जाएगी
मेरी ज़िंदगी जेल में सड़ जाएगी
उम्र गुजरे जेल में ऐसी नौबत ही क्यो आए
हम चाहते ही नही मोहब्बत हो जाए।

-



हम चाहते ही नही मोहब्बत हो जाए।

-



ऐ मौत तू अपने शहर
अब मन ऊब गया है
इस मतलबी दुनिया से

-



ख्वाब थी, परी थी,
या सपनो की अधूरी
कहानी थी.......
जो भी थी, जैसी भी थी,
वो मेरी रानी थी

-



आज कल का है प्यार डिजिटल की बहार,
मैसेज व काॅल में ही ईलू ईलू गाइये।

कार कोई हो न पास अफसोस की न बात ,
एडिटेड फोटो ऑडी संग में लगाइए।

लिए प्रेमिकाए सौ-सौ फिरते रहें मगर,
सिंगल का शोर डिजिटल पे मचाइए।

शादी शुदा नारी हो या कन्या हो कुंवारी कोई,
लव यू पहाढ़ा गा के सबको सुनाइए।

-



सब कहते हैं इस नए साल फिर से एक नई तस्वीर भरो,
कोई बात पुरानी छोड़ोगे, खुद ही खुद में संकल्प करो!
सोच रहा हूँ इस रिवाज़ में खुद को मैं कैसे जोड़ूँ,
सबकुछ तो तुम पर छोड़ दिया अब नए साल में क्या छोड़ू!!

-


Fetching सन्नी मिश्रा Quotes