आप तब तक लोगो के लिए अच्छे है
जब तक आप उनके उम्मीदों को पूरा कर रहे है
और
लोग आपके लिए तब तक अच्छे है जब तक आप उनसे उम्मीदें नही करते।-
मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूँ,
अगर आप मु... read more
कई दिनों से उलझन में हूँ मैं
की मम्मी-पापा पर क्या लिखूं मैं,
क्या उनपर कोई कविता बनाऊं..
या उनके बारे में कुछ बताऊँ,
पर किसी निश्चित अंजाम तक नही पहुँचा मैं
पता नही क्यो कुछ समझ ही नही पाया मैं,
जब पूछा मैंने अपने आप से...
की प्यार मोहब्बत पर तो झट से लिख देता हूँ
तो क्यों नही इनपर लिख पा रहा हूं मैं
तो जबाब दिया मेरे दिल ने.
जिस माँ ने मुझे बनाया है
उस पर क्याही बनाऊं मैं
और
जिस पापा ने दुनिया के सामने
कुछ बोलना या कहना सिखाया
उनके बारे में क्या ही कहूँ मैं...
LOVE U ❤️mummy❤️ 👑Papa👑
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बातें तो मेरी बिल्कुल सही थी,
जो जो मैं ने तुझसे कही थी।
शक होना लाज़मी था तेरा मुझपर,
हरकतें भी तो मेरी वैसे ही थी।-
न हक़ दो इतना की तकलीफ हो तुम्हे,
न वक्त दो इतना की गुरुर हो हमें।-
करोगी मोहब्बत तो ये घर भी छोड़ना होगा
हमारे साथ तुझे ये शहर भी छोड़ना होगा
टूट जाएगा जब घर वालो से रिश्ता
माँ के हाथों से निवालों का रिश्ता
अंजान शहर में ये बुखार भी मर जाएगा
अंजान शहर मे ये बुखार भी मर जाएगा
भूख लगेगी तो प्यार भी मर जाएगा
बुलाएंगे घर वाले तो अपने घर लौट जाओगी
हमे ठुकराकर अपने शहर लौट जाओगी
हम पर आएगा तुझे बहकाने का इल्जाम
"लड़की पर नही आता भगाने का इल्जाम"
फंस जाएंगे हम जमाने के चक्कर में
जवानी निकल जाएगी थाने के चक्कर मे
फिर तू अपने बयान से पलट जाएगी
मेरी ज़िंदगी जेल में सड़ जाएगी
उम्र गुजरे जेल में ऐसी नौबत ही क्यो आए
हम चाहते ही नही मोहब्बत हो जाए।
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ख्वाब थी, परी थी,
या सपनो की अधूरी
कहानी थी.......
जो भी थी, जैसी भी थी,
वो मेरी रानी थी-
कैसे भुलाऊं तुझे
तू हीं जरा बता दें
मैं ख़ाक होने को तैयार हूँ
तू बस चिंगारी को हवा दे।-