फिर उसी रहगुज़ार पर शायद
हम कभी मिल सकें मगर शायद
जिन के हम मुंतज़िर रहे उन को
मिल गए और हम-सफ़र शायद
जान-पहचान से भी क्या होगा
फिर भी ऐ दोस्त ग़ौर कर शायद
अज्नबिय्यत की धुँद छट जाए
चमक उठ्ठे तिरी नज़र शायद
ज़िंदगी भर लहू रुलाएगी
याद-ए-यारान-ए-बे-ख़बर शायद
जो भी बिछड़े वो कब मिले हैं 'सनकी'
फिर भी तू इंतिज़ार कर शायद
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सनकी प्रेम 🖤
(सनकी शायर)
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𝐈𝐬 𝐢𝐭 𝐨𝐤𝐚𝐲 𝐭𝐨 𝐥𝐨𝐯𝐞 𝐭𝐡𝐨𝐬𝐞 𝐰𝐡𝐨 𝐝𝐨𝐧'𝐭 𝐥𝐨𝐯𝐞 𝐮𝐬?🙂
Joined 21 September 2020
23 NOV 2024 AT 17:18
23 NOV 2024 AT 16:46
जब मोहब्बत और मित्रता दोनों किताब से ही हो,
तो ज़िंदगी संवर जाती है..!!
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10 SEP 2023 AT 13:26
मेरी आँखों में यही हद से ज़्यादा बेशुमार है,
तेरा ही इश्क़ तेरा ही दर्द तेरा ही इंतज़ार है...-
9 SEP 2023 AT 23:11
“तसव्वुर में दूसरा बसाया नही मैने
तेरी जाने के बाद खुदको हसाया नही मैने!”-
29 SEP 2022 AT 0:19
उसके मोहब्बत के अतत: तुम्हे एक नया शायर पसंद आएगा
जिसके इश्क बेशक अधूरे पर अल्फाज बिलकुल पूरे होंगे।।-
19 APR 2022 AT 23:24
यूँ पुरखों की जमीन बेचकर शहर मे ना जाया करो
ना जाने कब लौटना पड़े .. गाँव मे भी एक घर बनाया करो…-
18 APR 2022 AT 6:24
एक बार ही बहकती है नजर इश्क़ सौ बार नहीं होता
मासूम दिल का सौदा है जनाब ये हर बार नहीं होता...!!-
18 APR 2022 AT 6:19
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है!
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है!
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से!
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है!-