जाकी रही भावना जैसी,
प्रभु मूरत देखी तिन्ह वैसी।।
भावार्थ- जिसकी जैसी भावना प्रभु उसे वैसी ही दृष्टि भी देते हैं। इसीलिए चोरों को सब चोर और सज्जन को सब सज्जन ही दिखाई देते हैं।।- संजीवनी
25 SEP 2019 AT 12:31
जाकी रही भावना जैसी,
प्रभु मूरत देखी तिन्ह वैसी।।
भावार्थ- जिसकी जैसी भावना प्रभु उसे वैसी ही दृष्टि भी देते हैं। इसीलिए चोरों को सब चोर और सज्जन को सब सज्जन ही दिखाई देते हैं।।- संजीवनी