वो सुर्ख़ गुलाब , जो इश्क़ की रवायत है ...!! याद है...तुमने दिया था मुझे ...!! उसके साथ, उसकी भीनी भीनी खुशबू की तरह ही , कुछ महकते हुए से अल्फ़ाज भी तो दिये थे ...!!! मैनें अभी तक सहेज कर रखे हैं , वो गुलाब भी और वो अल्फ़ाज भी।।
साँवली सी एक शाम में इश्क़ के दरख़्त से झरता सिंदूरी इश्क़!! हर सिम्त , इश्क़ की तामीर का एहसास दो जोड़ी आँखे , एक दूसरे को देखती हुई, चंद अल्फाज़ों की पुड़िया में लिपटा एक खुशमिज़ाज सा वादा ... उस वादे में लिपटे ख़ूबसूरत काँच से ख़्वाब ... और उन ख़्वाबों में मैं और तुम..
मेरे लिए..... माँ ..शक्ति का एक एहसास है, माँ ..सब सही होने का एक विश्वास है, माँ ..मेरी दुर्बलताओं का बल है, माँ ..विषमताओं में संबल है, माँ ..मेरी हँसी की छाया है, माँ ..दुखों में मेरा सरमाया है, माँ ..कमज़ोर पलों में ढांढस है, माँ ..आगे बढ़ने का साहस है, माँ ..के बिन अस्तित्व मेरा अधूरा है, माँ ..साथ है तो लगता है संसार मेरा पूरा है....!!!
मातृ दिवस पर सभी को शुभकामनाएं ..शक्ति के साकार रूप माँ को नमन...!!!