Realizing Thoughts
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নিজের ভুল-ত্রুটি নিয়েই মশগুল থাকি
কারাগারের এক বন্দী হিসেবেই নিজেকে দেখি,
আমার দুনিয়ায় নিয়ম-কানুন যেন আলাদা
সমাজের দোহাই দিয়ে নিজেকে আটকে রাখি না।-
एक नयी शुरुआत के लिए
पुरानी यादें मिटा दिए थे
अब ना वह शख्स रहे
ना ही वह पल दोबारा जीने का मौका।-
শুকতারা দেখার বাহানায় তুমি ছাদে এলে
আমার বাস্তবজগতের দরজা দিয়ো ঠেলে।-
He is not a Psycho
Just because you don't understand the meaning of his act.-
- आपके हाथों को थाम लूँ तो आपको ऐतराज है क्या?
- यह कोई रश्म है या महज़ एक खेल इसका तो पता नही पर आपके हाथों को निहारते हुए मेहंदी में अपना नाम ढूंड लूँ तुम्हें आपत्ति तो नहीं।
- यह अंगूठी! छोटी बहन ने दुकान पर जाते ही जिद किया की भाभी के लिये यही चाहिए।
- मालुम होता है अच्छी परख है उसे। बढ़ी जच रही है तुम्हारी उंगली पर।
- देखा तबसे में ही बोल रहा हूँ तुमने तो आँखें उठा कर एकबार भी मुझे नहीं देखा।
- एक ख्याल आया था मेरे सपनों में, तुम्हारे नाम लेकर खटखटा रहा था पलकों पर
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- उसने क्या कहाँ तुम सुनना चाहोगी क्या?
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মনে ওঠা ঝড় যদি তোমার জড়িয়ে ধরাতেও শান্ত না হয়
তবে জেনো তা ক্রোধবশত নয় কারণবশত।-
खरोंच के निशां भी मीट जायेगा एक दिन बदन से
पर जो बातें मजबुर किया था मुझे बेकाबू होने में
कहानी के उस हिस्से को जलाऊ तो जलाऊ कैसें
आँसु गिरे थे तो गाल जल गए पन्ने फिर भी वैसे रहे।
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टूट रहे हो अंदर से?~हाँ ।
अच्छा सुनो 'I love you ..'
अब ठीक हो क्या?~ हाँ ।
तो अब में रहों ना !-