माना कि गुनाह हुआ है मुझ-से
झूठ कहा सब छिपाया तुझ-से
ग़लत लोगों को अपनाया जिंदगी में
तुझे ना समझ कर दूर किया खुद-से
आज जो इतना समझने लगी हूँ
फिर भी पा-कर तुझे खोने लगी हूँ
हर दिन करती कोशिश मैं तुझे समझा लूंँ
तेरे अंदर की तकलीफों को मैं समेट लूँ
जब रात को पूरी दुनिया सोती कल उठने के लिए
तब मैं खुली आंखों से तेरे ख्वाब देखती हूँ
तु खो जाता है यार आँखें बंद करने से
क्या हमेशा के लिए सच मान कर नहीं रह सकती हूँ ..-
B.A 3rd Year Student 😊
From: Kolkata 🥰
They laugh 😄at me because I'm d... read more
**वक़्त के साथ चीज़ों का बदलाव**
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वक़्त बदलते देर नहीं लगती
इंसान भी बदल जाता हैं
पाँच साल पहले जो आदर मिलता था
वो अब कहाँ मिल पाता हैं ।।
पहले उन्हें फिक्र थी हमारी हमारे सेहत की
अब तो हाल ही बहुत कम ही पूछते हैं
हर रोज़ पूछती हो खाना खाया या नहीं
बदले में मेरे खान-पान का कहाँ वो पूछते हैं ।।
किसी रात बात किए बगैर जो सो जाऊँ
उदासी की वजह उन्हें नहीं पता होता हैं
वो भी good night बोलकर सो जाते हैं
मुझे भी ख़ुद से बताने का मन नहीं होता है।।
लगता तो है अब पहले जैसा प्यार नहीं है
जो बिन बोले बातों को समझ लेता था
हर उदासी की वजह पूछा करता था
जिससे मोहब्बत की थी अब तो उस शख्स का एहसास ही नहीं है।।-
प्यार के है रंग हजार कभी प्यार तो कभी तकरार
कभी निगाहों से बातें कभी निगाहों से दिल पर वार ।।
यह प्यार भी बड़ी अजीब चीज़ है यार
कभी हँसते रह जाए कभी सर दीवार में मार ।।
प्यार में सब कुछ बड़े खूबसूरत लगते हैं
लगता है आसमानों में भी फूल खिलते हैं ।।
ज्यादा कर ले प्यार कोई तो सर पर ही चढ़ जाते हैं
फिर तो ऊँचाई अच्छी लगती नीचे कौन आना चाहता है ।।
प्यार जो करते हैं उनमें धैर्य बहुत है भाई
हमें तो रहता है डर न जाने कब हो जाए धुलाई ।।
प्यार करने वालों के लिए मेरे दिल में बहुत सम्मान
और जो करें है उसको मेरा साष्टांग दंडवत प्रणाम ।।
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मुझसे अब कहा नहीं जाता
कहूँ भी क्या समझ नहीं आता
निगाहों को अब बोलने दो
दिल का आईना उसे बनने दो ।।
कह कह कर कितना समझाऊँ
सनम को अब आँखें पढ़ना सीखने दो
निगाहों को अब बोलने दो
दिल का आईना उसे बनने दो ।।
बेचैनी हमें भी हो रही है बहुत
पर चुप हूँ तो चुप ही तुम रहने दो
निगाहों को अब बोलने दो
दिल का आईना उसे बनने दो ।।
वो समझ रहे हैं थोड़ा थोड़ा कर के
तुम सब्र की डाली पर चाहत के फूल खिलने दो
निगाहों को अब बोलने दो
दिल का आईना उसे बनने दो ।।-
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मुहब्बत हुई जबसे हम खुद में ही खोए खोए रहने लगे
आईने में देख देख हम बेवजह ही हँसने लगे-
तु ही मेरी बंदगी
तू ही मेरा रब
तू ही मेरी दुनिया
तू ही मेरा सब
तुझे देखूँ जब तो
कुछ और न याद रहे
इस ज़िन्दगी में इक
बस तेरा ही साथ रहे-
तेरे आगोश में आकर सब कुछ शांत लगने लगता है
तू और नज़दीक आता है तो दिल धड़कने लगता है-
प्यार का मौसम हमेशा रहेगा क़ायम ग़र तुम साथ रहो
दिल भी रहेगा ख़ुशी से ग़र तुम यूँ ही दिल में रहो-