इक ज्वाला की अग्नि में हर दिन दिल जलता है
बेबुनियाद सा ख्वाब कुछ यूं पलता है
अंदर अंदर से खलता है
टूट टूट के कैसे भी संभलता है,,!!— % &-
मिल जाएंगे हम उस जहां में
जहां हर रिश्ता स्वीकृत होगा
तुझे न रहेगा जमाने का डर
साथ हमारा लिखित होगा,
तक़दीरे लिखवा कर लाऊंगी
मैं हाथों पे तेरे नाम की
जैसे राधा रहीं हमेशा बनकर श्याम की
हाथ पकड़ कर तुझे मैं सबके
सामने अपना बताऊंगी
मांग में सिंदूर डाले तुझे अपना बना
मैं तेरी बन जाउंगी
फिर हमारा रिश्ता ना टूटेगा
तू मेरा हमेशा के लिए हो जाना
मैं अपनी पूरी दुनिया तूझे बनाऊंगी,,!!— % &-
जैसे कोई कर्ज हूं मैं
जिसे बस निभाया जाए
ऐसा कोई फर्ज हूं मैं
टूटे दिल का मलाल हूं मैं
खुद में उलझा सवाल हूं मैं,,!!— % &-
जैसे कोई कर्ज हूं मैं
जिसे बस निभाया जाए
ऐसा कोई फर्ज हूं मैं
टूटे दिल का मलाल हूं मैं
खुद में उलझा सवाल हूं मै!!
— % &-
The sun I want to see every morning couldn't find till now, everytime I thought I will rise one day and find my own morning in which I can breathe the sense of my own journey
-
Some people shoot
two targets
with one arrow
and I admire their art-
इश्क का का फर्ज बस इतना अदा करना है
जितनी बार भी लूं जन्म, तुझ पर मरना है,,!!-
हर दिन किस्मत से जंग लड़ती,
कभी तो किस्मत मेहरबान हो
मुकम्मल हो जाऊं इस जहां में
उन सितारों में अपनी पहचान हो,,!!-