Snehal Khaire   (पाऊसवेडी)
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Writer
Scriptwriter (Short films, Web series)

Insta : Snehal__khaire__
Joined 3 May 2019


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Scriptwriter (Short films, Web series)

Insta : Snehal__khaire__
Joined 3 May 2019
5 FEB 2022 AT 19:39

तुझ्या रोजच्या गर्दीत नसेलही मी कदाचित,
पण असशील जेव्हा एकांतात तेव्हा मात्र मला येऊ दे...
थकतोस ना रे दिवसभर तू
मग थोडीच काळजी मला ही घेऊ दे...

माझं मन दुखवायची भीती वाटते ना तुला...
पण ऐक ना नाही होणार त्रास मला...

विचारतो ना तू जेव्हा एवढं प्रेम का?
उत्तर नसतं अरे माझ्याकडे तुला खरं सांगू का..

एकटी तर एकटी , हा प्रवास मला अनुभवायचाय...
माझ्या प्रत्येक क्षणात तुझा सहवास जगायचाय...

असही काही नाही की शेवटाला आपण सोबत असावं...
मला तरी वाटतं बघ
शेवटाला जाईल ते प्रेम नसावं

जाईन जेव्हा सरणावर मी
या कविताही जातील सरणावरती...
मिटले जाईल लिहिलेले प्रेम नाजूक एका मनावरती...

अदृश्य होईल नातं आपलं तेव्हा तू खचू नको...
निर्जीव झालेल्या मयती वर माझ्या
अश्रूंच ओझं रचू नको...
निर्जीव झालेल्या मयती वर माझ्या
अश्रूंच ओझं रचू नको...

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10 JUL 2021 AT 19:05

ये जिंदगी सस्ती कर रहीं हूं
मैं तन्हाई से दोस्ती कर रहीं हूं

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9 JUL 2021 AT 22:47

बातें बाकी हैं अभी बहुत कुछ कहना रह गया हैं,
छुपाया था जो ख़ुद से उस आंसू का बहना रह गया हैं।

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12 JUN 2021 AT 10:43

दर्द लिखना हो गर तो उसे दिल में उतारना पड़ता हैं,
शायर बनना आसान नहीं होता ज़ख्म कुरेदना पड़ता हैं।

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12 JUN 2021 AT 10:30

माना दोस्ती से ऊपर कोई रिश्ता नहीं होता
फिर क्यों हर दोस्त फरिश्ता नहीं होता

गलतियां हो या गलतफहमी,
क्या रूठने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता

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2 JUN 2021 AT 22:29

मन में गूंजता रहता हैं उस कविता का शोर
जो अभी तक जीवित हैं एक लालसा लिए,
लालसा बाहर निकलकर समाज में परिवर्तन लाने की
लेकिन इस बात से बेखबर की समाज उसे भी कुचल डालेगा जिस तरह उसने कुचले हैं विद्रोही कई।

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31 MAY 2021 AT 21:56

बहुतों की भीड़ है यहां फिर भी मैं तन्हा हूं
दौड़ती इस दुनिया का न जाने कौन सा लम्हा हूं...

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30 MAY 2021 AT 18:35

इंतजार उस हद तक किया करो
जहां खुद को संभाल सको,

जाने वाले वापस आया नहीं करते...

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30 MAY 2021 AT 18:30

कुछ दर्द और तन्हा रात
आंखों में आंसुओं की बरसात,

सुना है शायर बनना चाहते हो
मौका अच्छा है...

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29 MAY 2021 AT 16:12

हर मोड़ पर जहां बिखरी इंसानियत की लाश है,
बेदर्दी इस जिंदगी में उन्हें अपनों की तलाश है...

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