sneha singh  
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Joined 21 April 2022


Joined 21 April 2022
28 MAR AT 7:51

जिसके बिना कुछ दिन नहीं गुजार पाते है लोग।।
उनसे रूठने पर जिंदगी से रूठना चाहते है।।
जिसको नापने का कोई पैमाना नहीं बना,
उस इश्क़ को पैमाने में नापना चाहते है।।
प्रेम का कई रंग है, नाम है, रूप है, अर्थ है,
उस भाव को शब्दों में उतारना चाहते है।।
नादान है लोग दुनिया मे खुद को नहीं ढालते,
दुनिया को अपने तरीके से ढालना चाहते है

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26 MAR AT 20:15

उलझ रही हूँ, तो कभी सुलझ रही हूँ।।
मैं क्या हुँ खुद को समझ रही हूँ।।
चट्टानों सी अडिग रहती हूँ कभी,
तो कभी रेत सी फिसल रही हूँ।।

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18 JAN AT 18:18

तेरी आँखों के सवाल का जबाब हू मै।।
तेरी हर धड़कन का हिसाब हुँ मै।।
तेरे मायुश चेहरे पे खिलती मुस्कान से जाना,
मेरा वजूद क्या है और तेरे लिए क्या हूँ मैं।।

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18 JAN AT 5:47

बेइंतहां प्रेम था राधा की आँखों मे
तो सब्र का पराकाष्ठा थी कृष्ण के दिल में।।
प्रेम और सब्र का रिश्ता युं निभा गए
एक छवी रहती है उनकी हर प्रेमी के मन मे।।

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18 DEC 2023 AT 6:18

हम युही जिंदगी को जिये जा रहे है
कभी खुशी कभी गम का प्याला पिये जा रहे है
है जिंदगी हसीन,खूबसूरत तो कभी गमगीन भी।।
हम फूलों के साथ काटों को भी मोहब्बत किये जा रहे है।।
जरा ठहरना जिंदगी इंतिहां यूं ना लेना
कभी रुस्वा हुए तो साथ भी देना
है कहीं अंधेरा तो है कहीं रोशनी भी
हम अंधेरे में रोशनी को ढूंढते जा रहे है।।
हम युही जिंदगी को जिये जा रहे है
कभी खुशी कभी गम का प्याला पिये जा रहे है।।

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14 DEC 2023 AT 23:00

बिखरे हुए जज्बात इंसान को तोड़ के रख देती है
निखरे हुए जज्बात इंसान को जिंदगी से जोड़ के रखती है।

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8 DEC 2023 AT 23:32

दर्द के दर्द को समझते तो दर्द नहीं बनाया होता।।
ऐ खुदा काश तु हम इंसान को ना बनाया होता।।

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6 DEC 2023 AT 23:52


कमियाँ होंगी तुझमें इंसान है तू, नहीं है तू खुदा।।
कुछ तो होगा तुझमे जो मैंने तुझे हजारों में चुना ।।

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28 NOV 2023 AT 4:50

दरारो में भी पौधों को पनपते देखा है।।
कहीं पूरी हरियाली को उजड़ते देखा है।।
जो है,उसे नजर अंदाज करते है लोग,
ज्यादा की चाह में लोगों को बिखरते देखा है।।

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28 NOV 2023 AT 4:31

आज जिंदगी को जिंदगी के नाम कर रही थी।।
मै खुद ही खुद से सवाल कर रही थी।।
क्यू ठुकरा के बैठी थी जिंदगी को,
जबकि जिंदगी हर पल मेरा इंतजार कर रही थी।।

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