हम लिखते गए लोग वहावा करते गए
हम लिखते गए लोग वहावा करते गए।
जब हम रोए तब,जब हम रोए तब
लोग उसको भी हमारा एक अंदाज समझ गए।-
Sneha Shintre
(Ssnehhhhhh)
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Joined 29 April 2021
2 APR 2023 AT 21:15
2 APR 2023 AT 21:07
ढूंढते रहे हम आपको हर एक गली में
हर एक नजर में हर एक शहर में।
पाया तो आपको कही भी नही बस
खुदको ही लूटा दिया हर एक कदर में।-
2 APR 2023 AT 21:04
हंसते ही रहते है हम
अपने हर एक गम में
ये बेरहम दुनिया अब
हमे उसके लिए पागल
समझने लगीं हैं।-
2 APR 2023 AT 20:58
वो तुम्हारा दिया हुवा दर्द भी हमने संभाले रखा है
सोचा कुछ तो तुम्हारा दिया हुवा मेरे पास रहे।-
2 APR 2023 AT 20:54
आज फिर उसी तन्हाई से रूबरू हुए हम
जो कभी हमारा सहारा हुवा करती थी।-
10 JAN 2023 AT 20:13
उद्या पुन्हा उगवेल तोच सूर्य
असेल तीच सकाळ
असेल तोच पक्ष्यांचा किलबिलाट
असेल तेच शहर
असेल तीच हवा
फक्त बदलतील ते रस्ते ,चेहरे आणि त्यामागचे भाव!-