दिल टूटा,
पर यादों ने अपना सफर जारी रखा
और दर्द ने अपना ठहराव ढूंढ लिया-
दिल का शोर,दिल में रह जाए
ऐसी खामोशी,बहुत शोर मचाती है
आँखें रास्ता तके,इंतजार रह जाए
ऐसी बेबसी,बहुत रुलाती है
होठ कहना चाहे,बातें अनसुनी रह जाए
ऐसी तड़प,बहुत सताती है-
तूझसे तेरे गम बाँटू
गर तेरी इजाजत है तो
तू रूठे और मनाने का हक,सिर्फ़ मेरा हो
गर तेरी इजाजत है तो
तेरे सफलता के जश्न का हिस्सा ना सही
पर तेरे संघर्षों का हिस्सा बनूँ
गर तेरी इजाजत है तो
तेरे सफर को हमारा सफर बना लूँ
गर तेरी इजाजत है तो
तेरे नाम की हिस्सेदार मैं बनूँ
गर तेरी इजाजत है तो-
Man ka halat kuch aisa h
Ye sararat kaisa h
Teri yaadon ki gali me bhatkta h
Ye aafat kaisa h
Tere lehje tere baaton ko sochta h
Ye nasamjh Kaisa h
Tujhse bekhabar rah kar bhi
Tera khabar rakhta h
Ye ziddi aisa h
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दर्द की कुछ सिसक बाकी है
यादों की कुछ पहर बाकी है
कहते तो है तुम्हें भुला दिए
कभी मिलेगें, ये सबर बाकी है-
कुछ हकीकत कुछ ख्वाब
कुछ उम्मीदों में इंतजार
हिस्सों में बटती जिंदगी
कुछ सोमवार कुछ इतवार-
राम तेरे स्वरूप को निहारूँ मैं
किस विध सुदबूद संभालूँ मैं
तेरी चरणों की दासी बन
भक्ति का बंधन बांधूँ मैं
राम तेरे स्वरूप ..........
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खैर पूछते हैं खुद से खुद का
ख्यालों में बस खुद का ख्याल
तबियत तो ठीक है
पर नाजुक दिल का हाल
उलझा रहे कई सवाल है
जवाब के लिए,इंतजार का है मलाल
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प्रेम की पवित्रता कहाँ समझे कोई
ना ही कोई राधा यहाँ ना ही कृष्ण कोई
प्रेम की शक्ति कहाँ समझे कोई
मीरा जैसी जोगन यहाँ है थोड़ी कोई
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