एक दिन आएगी सबकी बारी
जब नहीं खुलेगी आंख हमारी
मन में उठता है प्रश्न यही कि
वह दिन कैसा होगा?
क्या सचमुच मेरे बिन भी
सब कुछ वैसा ही होगा?
शायद फर्क पड़ेगा
चंद जनों को कुछ दिन,
कुछ हफ्ते,कुछ महीनों
भर को,लेकिन फिर
यक़ीनन ही मेरे बिन भी
सब कुछ वैसा ही होगा।
मेरी चीज़ेँ,मेरे कपड़े,
यह शीशा अलमारी का,
मेरी चूड़ी पायल की आवाज़
से खनकता है आज
फूल हर क्यारी का,
मेरे हिस्से का वक्त लिए यह सब
थोड़ा तो सूना होगा,लेकिन
फिर कुछ दिन बीतेंगे
यक़ीनन ही मेरे बिन भी
सब कुछ वैसा ही होगा।-
देश पर जिस जिस को गर्व है
देश भक्ति में उसका हर दिन
राष्ट्र पर्व है
जय हिंद जय भारत-
ना नशा ना प्यार
ये कहानी बहुत अलग है यार
मैं पूरा का पूरा वसूल हूं
हाँ खुद को मैं कुबूल हूं-
मैंने प्रेम किया
ताउम्र
करीबी रिश्तों से
फरिश्तों से,
किताबों से,
कविताओं से
कभी काम से तो
कभी आसमान से
चांद से,सितारों से
पानी के किनारों से
बादलों से,फ़ूलों से
बारिश से और झूलों से...
और?
इन सबमें मैं भूल गयी
"खुद को"
-
मेरे एहसासों से तेरी
पहचान भी निकल जाये
दिल से मोहब्बत का
हर निशान भी निकल जाये
उफ़ इस कदर की बेचैनी क्यूं है
ए खुदा गुज़ारिश है तुझसे
वक़्त के साथ ये
तूफान भी निकल जाये-
It was me who had said
I can't help looking at xyz
Thereafter
In a jiffy
I am no longing for..
"It's me"-
बेशक कई दुनियाएं खाली पड़ी हैं इतनी बड़ी इस दुनिया में..
फिर क्यों हम गलत जगह रहकर सारी ज़िन्दगी गंवा देते हैं..-
बात औरों की हो तो
तरीके बदनाम करने के
बड़े आसान होते हैं
अपने पर आ जाये तो
वो देते हैं नसीहतें
आहिस्ता बोलने की
कहते हैं
दीवारों के भी
कान होते हैं-
सही वक्त आने पर सब
सही हो ही जाता है!!
बहुत कुछ सम्हालने पर
भी बिखर रहा हो सब,
तो ना सम्हाल पाने का
मलाल कभी मत करना..
थोड़ा वक्त देना खुद को
क्यों कि पता है ना,
सही वक्त आने पर सब
सही हो ही जाता है!!-
Attachment आसक्ति
is the सभी पीड़ाओं
Root cause का
Of all मूल
EVILS है-