थमी थमी सांसे
धीमे धीमे चलती है ।
आज भी हम जिंदा है
ये फरमान देती है ।।
रुककर हारने से बेहतर
जिंदगी की दौड़ में,
हौले हौले ही सही,
चलते रहना है
यही कहती है ।
थमी थमी सांसे, धीमे धीमे चलती है ।।-
अंधेरी राह में तू चलता चला चल..
तेरे गुज़रने से ही राह रोशन होगी..!!
एक दिया उम्मीद का दिल में जलाए रख..
फिर देखना तेरा हर दिन दिवाली होगी..!!-
तब तक ही चलूं मैं,
जब तक धड़कने है तेरी
तब तक ही भागू मैं,
जब तक रफ़्तार है तेरी
रुकू जिस दिन,
तब तू भी रहेगा नहीं
जिंदगी हूँ तेरी, दुश्मन नहीं..!!
रख ख्याल अपना,
दोस्ती कर ले मुझसे
आ बैठ कर बात करें,
सुलझाएं सारे मसले
मत कोसा कर मुझे,
मैं इतनी भी बुरी नहीं
जिंदगी हूँ तेरी, दुश्मन नहीं..!!-
किसी ने पुछा हमसे क्या है प्रेम की परीभाषा...?
सवाल बड़ा पेचिंदा था..
सोच में हम भी पड़ गए...
खूब तटोला मन को, तब जाकर समझ पाए।।
सबकी अलग है दास्तान,
सबकी अलग है भाषा..
जो तुम देखना चाहो अपनी नजरो से,
समझ पाओ अपने दिल से,
वही है प्रेम की असली परीभाषा।।-
करनी थी कुछ गुफ्तगु...
ज़ज्बात बयां करने थे..
गुजरते गए जमाने युही..
और दो दिल मुलाकात को तरसते रहे...-
गर उनकी कही और करनी मे
समानता नहीं
तो उनके प्रेम और दिखावे मे
कोई अंतर नहीं..!!-
देवकी-वासुदेव के खुल गए भाग..
नन्हे बालक बन स्वयं नारायण आए..
यशोदा मैया ने पाए बाल गोपाल..
बृज की राधिका का मन लुभाए..
झूम उठी धरती, नाच उठा वैकुंठ धाम..
आ गए देखो लड्डू गोपाल..
हो कर चारों दिशाए निहाल..
राधे संग बोले सारे, जय कन्हैयालाल..
हाथी घोड़ा पालकी..
जय कन्हैयालाल की...!!-
ये देश नहीं, पहचान है अपनी..
सिर्फ झंडा नहीं, तिरंगा शान है अपनी..
गर्व है मुझे भारतीय होने पर..!!
हाँ होती है यहाँ रोज़ मुसिबत,
दुश्मन बन सब आपस में झगड़ते हैं..
जब बात आती है भारत की आन पर..
तब सब एक होकर हिम्मत से लडते हैं..
अनेकता में एकता ही जान है अपनी..
गर्व है मुझे भारतीय होने पर..!!
Happy Independence day..!
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भीनी भीनी खुशबू..
मेहंदी का रंग..
उसकी गहराई और साजन का प्यार..
सावन के झूले..
सखियो संग ठिठोली..
उसपर किए सोल्हा श्रृंगार..
रिश्तों की मिठास..
रसमो का अंदाज़..
लेकर माता रानी का आशीर्वाद...
मुबारक हो सबको तीज का त्योहार..-
हर मंजिल की है कहानी..
हर रास्ते का एक किस्सा..
हर मोड़ पर एक याद है..
जो था मेरी कहानी का हिस्सा..
हर गली कह रही थी वो बातें..
ख्वाबो को संजोते जहां गुजरी कई रातें..
अब है एक नया दौर, नई है कहानी..
रुखसती लेती है इन राहो से,
मोहब्बत हमारी....
मुडकर देखा हर मोड को..
बीतें लम्हो को फिर जिकर आए..
अब न होगी कभी मुलाकात इनसे..
खेरियत देकर आए..
रखी है दिल में उम्मीद फिर भी ,
खुदा ने चाहा तो लौटकर आएंगे..
आ गई है घडी जुदाई की,
बस अब कुछ और न कह पाएंगे।।-