आपत्काले तु संप्राप्ते यन्मित्रं मित्रमेव तत्।
- जो मित्र संकट के समय काम आता है, वही सच्चा मित्र होता है।-
#sanskrit student
पुस्तकेषु प्रणताः शिरः जीवनपर्यन्तं उन्नताः एव तिष्ठन्ति।
किताबों में झुके हुए सिर ज़िंदगी भर उठे रहते है।
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पूछते है वो कैसे हों........
पूछते है वो कि कैसे हों
बार बार दिल का हाल
उनको बताया नहीं जाता
वो जान जान जान कहता था
अब भुलाया नहीं जाता
खुद बिछड़ने को मजबूरी बताकर
दूसरो के साथ बेहद खुश रहते हों
दुःखती रग पर हाथ रखकर
फिर भी पूछते हों कि कैसे हों.....
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इन आँखों नें सब्र, इंतज़ार बहुत देखा है
अब उनके लौट आने से वही बहारे नहीं छाएगी
दिल नें उसका होने से बहुत रोका है खुद को
बीत गया समय अब हमको खोया हुआ वह पाएगी
उनका दीदार, उनका चेहरा रूह तक उतरा था
उनकी वह मुस्कान अब हमको नहीं भाएगी
अश्कों की नमी से ये तन्हाई बहुत सीखी है
उनका हाथ पकड़ने वो हिम्मत अब कभी न आएगी
अब उनके लौट आने से वही बहारे नहीं छाएगी...-
पहला प्यार कभी भुलाया नहीं जा सकता
फिर चाहें यादें सुखद हों या दुःखदायी-
Sometimes even time is not right for us, it spoils everything but gives us
a new way of living.-
अकेले रहना, उसी में बहुत
खुश रहना एक हुनर है
जिसने सिख लिआ वही
तो आज मस्त मगन है-
नया साल वही शुरुआत
लक्ष्य को निश्चित भेदने का फ़साना
बाधाए, विफलताए आएगी ढेरो
तुम कहीं विचलित होकर ठहर न जाना
लक्ष्य के पथ पर निरंतर राही,
बस तुम चलते ही जाना
होसलो को अडिग रखकर
सफलता से इसी वर्ष हाथ मिलाना
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