Sneha Hembram   (Reena)
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I write to recollect my emotions and preserve them in words.
Joined 3 February 2017


I write to recollect my emotions and preserve them in words.
Joined 3 February 2017
10 JAN AT 16:37

काश

तू मेरा वो काश है
जो सबसे खाश है,
फिर भी मेरे पास नहीं
तुझे पाने की भी आस नहीं,
दिल बन के धड़कता भी है
और दर्द बन के तड़पता भी है,
जाने क्यों ये गुनाह हुआ
हां मुझे तुझसे इश्क हुआ।

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7 JAN AT 22:45

हर लम्हा एक सवाल है जेहन मे,
बस तेरा ही खयाल है इस दिल मे

क्यों तू है इतना बेरहम,
अब तो कर दे मुझपे रहम

मुस्कानों का सागर दे कर मुझे,
क्यों डुबो गया गमों की घेराईयों मे मुझे

मेरी खामोशी कुछ कहती नही,
और गैरों की धुन मे मग्न तू कुछ सुनता नही।

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2 DEC 2024 AT 1:00

वो मेरे कहानियों का घरौंदा
जहां बुने सपनो का परिंदा
क्यों अब कोई आहट नहीं
क्यों अब कोई चहचहाट नहीं
ना अब वो किस्से रहे
ना अब वो हौसले रहे
सुनसान है वो गलियां
सन्नाटों की है वो दुनिया।

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16 OCT 2024 AT 22:41

है चांद भी इश्क सा आधा – अधूरा
लेकिन खुद मे एक दम भरा – पूरा,
मोहब्बत की तड़प से वो वाकिफ है
तभी लोग राज उसे मुखातिब करते है।

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11 SEP 2024 AT 8:37

क्या खता हुई ये तो बताते,
अब तुझे मेरी हसरत नही
या तेरे रूह मे बसना कबूल नही,
क्यों होना चाहे तू जुदा
पर हूं मैं ही तुझमे सदा।

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11 SEP 2024 AT 8:13

जब एहसास नही था,
प्यार अब भी है
जब तेरे रूबरू है,
प्यार कल भी रहेगी
जब सांसे साथ छोड़ देगी।

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12 AUG 2024 AT 1:13

थाम के हाथ मेरे
ले चल तू साथ तेरे,
अपने उस जहान में
जहां मुस्कान खिलखिलाती है दिलों में,
सुनहरे सपनों का वो सेहर
जो है उस रब की मेहर।

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25 JUL 2024 AT 15:17

क्या वो एहसास देगी दस्तक
जो लब्जो मे बयान ना हुई
और खामोशी में समा गई
निकली जो तलाशने मंजिल का पता
जाने किस मोड पे हो गई लापता
जब कभी मिले तुम्हें
तो खबर देना हमें।

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21 JUL 2024 AT 9:40

एक रिश्ता अनोखा

तुझसे ये एक रिश्ता अनोखा सा हैं
तू यार मेरा उम्रभर का हैं,
जो एहसास मैने लब्जो से ना किया बया
उन को नैनो के शीशों से तूने है भांपा,
रब ने भी की ये कैसी साज़िश हैं
हाँ दोनों ही अपने जुबानों में बेजुबान हैं,
तू ही है हमदर्द मेरा
मैं ही हूँ बेपनाह प्यार तेरा।

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20 JUL 2024 AT 23:54

My soul seeks solace,
Heart full of burning desire are
Turning into ashes were
Blown away into air.

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