पिघले नीलम सा बहता हुआ शमां,
नीली नीली सी खामोशियां,
ना कहीं है जमीं,ना कहीं आसमां
सरसराती हुई टहनियां, पत्तियां
कह रही हैं कि बस तुम हो यहां...!-
Sneha Baranwal
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बिना शोर किए चीख लेती हूं,इसलिए कुछ कहती नहीं बस लिख लेती हूं....🙂🖤
Neither a Poet, Nor a... read more
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Joined 9 June 2019
3 MAR AT 21:11
3 MAR AT 14:37
नहीं सुलझ रहे मुझसे मेरे ही जिंदगी के मसले,
और मेरी बेचैनी को लोगों ने गुरूर का नाम दिया है...!-
30 DEC 2024 AT 20:40
सोचती हूं कि "किस्से" कहुं,
पर फिर सोचती हूं कि "किस से" कहुं ...!-
23 AUG 2024 AT 11:38
जीवन के किसी मोड़ पर केशव सारथी बन कर आएंगे,
तुम अपने अंदर के महाभारत से लड़ते रहना...!-
11 AUG 2024 AT 19:46
कभी कभी खो भी जाना चाहिए यार,
ये देखने के लिए कि कौन तलाश करता है...!-
24 JUL 2024 AT 19:52
एक अजीब सी मोड़ पे आ गई है जिंदगी,
सुकून की तलाश में नींद गंवा बैठे हैं हम...!-
10 JUL 2024 AT 23:42
Myth- Ek Din Sab Thik Ho Jayega.
Reality - Ek Din Aadat Par jayegi...-