कभी बैठ किसी शांत जगह ,
हम घटों बातें करते..!
कभी हाथ थामती मैं तुम्हारा ,
कभी तुम आग़ोश में भरते..!
सवेरा बनकर तुम मुझे उठाते ,
मेरी गोद में सर रख सोते...!
खैर.....!! ये ख़्वाब है मनघड़त..
काश तुम मेरे होते।-
कैसा जादू कर गया वो आज..
जिसे देखा था बस ख़्वाबों में ही मैंने..,
शख़्स मुझसे टकर गया वो आज।
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कौन हूँ मैं..?
क्या है मेरा वजूद..?
क्या है मेरी पहचान..?
किसी की बेटी, किसी की बहन,
किसी की बीवी....!
या फ़िर बस इक जिस्म..?
जिसे नोचने को हमेशा तैयार हैं,
चील, कौए, और भेड़िये....!
जीते-जी तो लड़ा जा सकता है।
पर मरने के बाद ,
बेजान ज़िस्म को भी नहीं छोड़ते वे....।-
Suno.....!
Tum dhire dhire vo aayina mat bn jana..
Jis me mai apne ap ko dekh hi na sku...!!-
कित्ती अजीब सी बात है ना,
अपना आप, अपना सब दे देती हूँ।
और बदले में क्या मिलता है..?
कुछ दिल तोड़ के रख देने वाले अल्फाज़
और छोड़ जाने का डर...!
#उफ़्फ़_ये_महोब्बत💕
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तुम ने जाने को कहा,
तो......
तो हम ने मुस्कुरा कर तुम्हें जाने दिया।
अब इस से बढ़ कर वफ़ा और क्या निभाते हम।
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पहाड़ों वादियों के खयालों में खोई रहती हूं..
हर दम अब खुद में उलझी रहती हूं।-
मज़ा इश्क़ का चखना बाकी जो है।
वैसे सिखाया,हँसाया, रुलाया,
इस जिंदगी ने बहुत,
अभी भी बहुत कुछ ,
बाकी सीखने को है।-
चिंगारी थी पहले.....!
अब ख़ुर्शीद बन गयी हूँ।
ता-उम्र......
मैं तेरी मुरिद बन गयी हूँ।
-💕-
लिखना नहीं है मुश्किल ख़यालो को,
ये सिर्फ अल्फाज़ो की बनी हुई गाथा है,
सफलता तो असल ये है लिखने की,
उसके पीछे दर्द को जब कोई समझ पाता है।-