मन विचलित है, परेशान है
किसको अपनी व्यथा सुनाए?
भावनाओं का बवंडर कैसे रोके?
आँशुओं का सैलाब थम नही रहा।
अपने अवतरण दिवस पर आज
बेशक, सशरीर हमारे साथ नही हैं,
पर, देखिए सब आपको याद कर रहे है,
आपका जन्मदिन मना रहे है.....
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नया वर्ष, नई आशाएं
नई उम्मीदें, नया सफर
कठिन मंजिल, घर से दूर
नटखट, ज़िद्दी, नन्ही परी
नाज़ों से पली, धुन की पक्की,
प्यारी हंसा.....
आज बड़ी हो गयी
निकल पड़ी सपनों के साथ
मेरा आशीर्वाद, हर पल रहेगा साथ......
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2021 तो बस यूं ही गुजर गया...
2022 आपके व परिवार के लिए 22 साबित हो.....
नव वर्ष 2022 की हार्दिक शुभकामनायें💐-
अब तो तुम सपनो
में भी डाँट देती हो,
अब क्या इसकी वजह से
तुम्हारा दीदार भी न करें?
सोये भी न?
अब तो यही वो जगह है
जहां तुमसे मुलाकात होती है,
बात होती है....
दिन काटते है रात के इंतज़ार में....
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किनारे दूर होते होते बहुत दूर हो गये,
पानी के छपाकों की आवाज़ भी डूब गई, गुम हो गयी,
दिल मे ऐसे संभालते हैं गम,
जैसे ज़ेवर संभालता है कोई,
रूठ गए, नाराज़ हो गए....
हाथ से अंगूठी उतारी, वापस कर दी,
बांहों से कंगन उतारे, सात फेरों सहित लौटा दिए,
लेकिन बाकी ज़ेवर जो दिल मे रख लिए थे,
उनका क्या होगा?
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है.....
गुलज़ार
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"मन तू शुदम तू मन शुदी
मन तू शुदम तू जान शुदी
ताकस ना गोयद बाद अजीन
मन दीगरम तू दिगरी"
-अमीर खुसरो
( मैं तू हो गया हूँ और
तू मैं हो गयी है ,
मैं जिस्म हूँ तू जान है ,
इसके बाद कोई नहीं
कह पायेगा कि तू
और मैं जुदा हैं । )
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जिहाल-ए-मिस्कीन मकुन तग़ाफ़ुल
दौड़ाए नैना बनाये बतियां
के ताब-ए-हिजरां न दरम-ए -जाना
न लेहो काहे लगाये छतियां
अमीर खुसरो
( मतलब , आँखे दौड़ा के और बातें बनाकर मेरी बेबसी
को नज़रअंदाज़ ( तग़ाफ़ुल ) मत करो ।
मेरे सब्र की अब इन्तेहाँ हो गयी है । मुझे सीने से क्यों नहीं लगाते । )
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जिहाल-ए -मिस्कीन मकुन बरंजिश ,
बेहाल-ए -हिजरा बेचारा दिल है ,
सुनाई देती है जिसकी धड़कन ,
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
( मुझे रंजिश से भरी इन निगाहों से न देखो क्योंकि मेरा बेचारा दिल जुदाई के मारे यूँ ही बेहाल है । जिस दिल की धड़कन तुम सुन रहे हो वो तुम्हारा या मेरा ही दिल है । )
अमीर खुसरो/गुलज़ार
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ज़ेहन में आते ही
तेरा रूहानी ख्याल,
मौसम का मिजाज ,
आशिकाना हो जाये....-