पर ज़िन्दगी के सपने पूरे करने के लिए
नींद के सपने को तो त्यागना ही पड़ेगा-
@sayari_zindegi_ki
जो मनुष्य सबके कार्य मे तत्पर होता है
उसका कार्य स्वयं माधव करते हैं-
सब प्यार से नही सही होता
क्योंकि श्रीकृष्णा कभी महाभारत जैसे महायुद्ध नही होने देते
सब धन से पाया नही जाता
क्योंकि सुदामा जैसा गरीब कभी कृष्णा के सखा न होता
सब ज्ञान से भी प्राप्त नही होता
क्योंकि रावण जैसे महाज्ञानी सीता हरण नही करता
सब बल से भी नही मिलता
क्योंकि भीम के होते द्रोपदी की वस्त्र हरण कभी न होता
सब राजत्व से भी प्राप्त नही होता
क्योंकि बुद्ध कभी महल छोड़ वन नही जाते
सब परमात्मा का खेल है जो जिसमे ढला वो उसको भोगा ।।
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आत्महत्या का असली मतलब तब होता है
जब इंसान जीवित ही उसका अस्तित्व खो देता है-
एक बात ध्यान रखो हमेशा
दुशरों के कारण न होना निराशा
खुद ही जलता रहता जो करता तुमसे ईर्ष्या
तुम खुसि से पूरी करना अपनी इच्छा-
अगर दिल साफ है तो मंज़िल अवश्य मिलेगी
क्योंकि ,
नचिकेता जी को तो उनके पिता ने भी त्याग दिया था
फिर भी वो ब्रम्हविद्या को स्वयं यम से प्राप्त कर लिया था-
कभी किसीको अपने से ऊपर जोड़ना मत
पर किसीको अपने से कम भी समझना मत
कभी किसी X की value ढूंढना मत
पर खुद की values खोना मत-
रिश्ते !
पता है बहत लोगों को कहते देखा है की
रिश्तों को संभाल कर जिंदेगी जीना होता है
मुझे लगता है
रिश्तों को संभालने की जरूरत पड़ जाए तो वो रिश्ता कहां
रिश्ते प्यार से बनते है जनाब जबरदस्ती से नहीं-
केसे भरोसा होगा तेरे प्रेम से मेरे सावरे
में जिसके लिए खुद बदल गई
उसे भी मेने समय के साथ बदलते देखा है-