स्मृति सिंह   (स्मृति सिंह)
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हिंदुस्तान में ऐसा वक्त चाहती हूँ, नारी को सशक्त चाहती हूँ।
Joined 26 April 2019


हिंदुस्तान में ऐसा वक्त चाहती हूँ, नारी को सशक्त चाहती हूँ।
Joined 26 April 2019
17 MAY 2022 AT 20:31

हम मन के भावों को लिखते हैं, मिटाते हैं।
अपनों के दिए घावों को देख रोते हैं, मुस्कुराते हैं

मन पर चले हथौड़ों को देखते हैं, मुस्कुराते हैं
इतने प्रपंच रचे हैं लोगों ने, जिसको लिखना संभव नहीं है

हालातों को लेकर हम चुप रह जाते हैं,
मन के भावों को "लिखते हैं, मिटाते हैं..."

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रात एक ऐसी दोस्त है
जो मुझे खुद से मिलवाती है,
गलतियों को दिखाती है, मन को समझाती है
कभी अपार व्यथाओं को याद दिला कर मुझे रुलाती है
तो कल्पनाओं की दुनियां में ले जाकर मुझे हंसाती है

रात एक दोस्त है, जो हर रोज मुझे मुझ से मिलवाती है।

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11 FEB 2022 AT 20:11

पहाड़िया सरदारों संग रामगढ़ कैंप से अग्रेजों को खदेड़ भगाया
ऐसे वीर पुरुष जाबांजी को नमन,
भागलपुर के वीर तिलकामंझी को नमन।

जिनकी लाल आंखें देख अंग्रेज घबराते थे,
हांसी हांसी चढ़बो फांसी का गीत गुनगुनाने वाले जाबांजी को नमन।
भागलपुर के वीर तिलकामांझी को नमन।

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देह का अंत तो तय है मगर,कुछ आवाजें कभी नहीं मरती
खुशियों में, गम में, जीवन के हर पहलू में हमारे रूह में हैं रहती
कभी अश्रु बनकर आंखों से है छलकती,
तो कभी मुस्कुराहट बनकर होठों पर है बिखरती
कुछ आवाजें कभी नहीं मरती।

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खुली आंखों से देखे हर सोने से सपनों को पाना है हमें,
आसमां की ऊंचाइयों के ख्वाबों को हकीकत बनाना है हमें
रंगहीन जिंदगी जी नहीं सकती हूं, इसलिए रंग जिंदगी में भरना है हमें।

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ना जाने कैसे लोग अपनों से छल करते हैं,
ना जाने कैसे लोग घड़ी भर में बदल जाते हैं
आज इसके, कल उसके, और ना जाने कल फिर किसके हो जाते हैं..

हाए...... दुनियां में ना जाने कैसे - कैसे लोग होते हैं।

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18 OCT 2021 AT 21:48

वो जो हम चाहते हैं ख्वाबों सा, खयालों सा इश्क,
वास्तव में एक झटके में टूट जाता है वह "ख्वाबों का इश्क"

वो जो हम चाहते हैं, गुलाब सा खूबसूरत इश्क
तो
कांटों की तरह चुभ जाता है इश्क!!

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ऐ मन.....
आ अब लौट चलें अपनी दुनियां में

ना किसी के महल में, ना किसी के मन में
आ अब लौट चलें अपने ख्वाबों के आशियां में..!!

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कुछ बातें हैं जो तुमसे कह नहीं सकूंगी मैं
सुनो! "देर से ही आ जाना" मेरी जिंदगी में
तुम्हारे बिना सांसे रह भी गई तो जिंदगी जी नहीं सकूंगी मैं।

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20 JUL 2021 AT 22:25

बात सिर्फ प्यार की नहीं, विश्वास की है
जज्बात की है, एहसास की है, हमेशा मिलने वाले साथ की है
मेरी पसंद में
बात सिर्फ प्यार की नहीं है...!!

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