वो सब जो मैंने किसीसे नहीं कहा है,
वो दिल ही है जो सब कुछ जानके भी कुछ किसीको नहीं बताता,
दिल सब जानता है मेरा,
बस कभी कुछ कहता नहीं,
मेरे दिल को जब दर्द होता है,
तो वो मुझे भी होता है,
मैं कमज़ोर नहीं हूँ,
बस कुछ बोलती नहीं गुस्से मे,
गुस्से में मैं सब दिमाग से करती हूँ,
दिल से जब कुछ करती हूँ तो पचताती नहीं।।
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