Smriti Jha 🦋   (Smritten_Words❤️)
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Joined 8 April 2020


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Joined 8 April 2020
8 FEB 2021 AT 20:07

तब जुबां ख़ामोश हो जाती हैं।



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8 FEB 2021 AT 19:58

वो मुस्कुराती हुई तस्वीर,
अक्सर मुझे आंसू दे जाती हैं।



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8 FEB 2021 AT 19:55

कुछ रिश्ते,
बिन फेरे भी एक - दूसरे के होते हैं।

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8 FEB 2021 AT 19:50

थका देते हैं काम मुझे पर,
रुलाने के लिए तुम्हारा ख़्याल काफी हैं।




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8 FEB 2021 AT 19:41

तुम्हारे ख्यालों का शोर लिए घूमती हूं,
और लोग कहते हैं मैं ख़ामोश रहती हैं।




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8 FEB 2021 AT 19:36

इश्क़, आंखों से बरसता हैं
दर्द, पन्नों पर बिखरता हैं ।


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8 FEB 2021 AT 19:31

हम अक्सर हंसा देते हैं उदास लोगो को,
हम से हम जैसे लोग अब देखे नहीं जाते।



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13 NOV 2020 AT 19:31

ना जाने वक्त को क्या मज़ा आता हैं,
हर गुजरता लम्हा हमे कुछ यूं आजमाता हैं,
हम रातों को जाग कर ख्वाब बुनते हैं,
और एक झटकें में यहां सब बिखर जाता हैं।



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13 NOV 2020 AT 19:25

ज़िन्दगी दर्द से अब इतनी भर चुकी हैं कि,
त्योहारों की खुशी भी अब यहां दाखिल नहीं हो पाती।




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31 OCT 2020 AT 20:52

जुबां ख़ामोश और पलकें झुक जाती हैं,
इससे ज्यादा क्या गवाही दूं अपनी मोहब्बत की मैं।



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