Smrit Singh   (Smrit)
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Joined 16 March 2021


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Joined 16 March 2021
13 JUN 2022 AT 3:36

जागने वाले से
इश्क करे तो क्यों
वो नीद में है बेफिक्र
फिक्र भी करे तो क्यों

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7 APR 2022 AT 17:37

भूलना आसान नहीं है
होता तो हम लिखते क्यों
वो पढ़ते क्यों
ढूंढते क्यों
मेरे शब्दों में
स्वयम को खोजते क्यों

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5 MAR 2022 AT 23:09

कुछ खास नहीं
हँसी का पात्र,
एक नमूना,इश्क़ में
कुछ तो हूँ मैं

रोई हुई रात में,
छण भर की याद में
हड़बड़ी में निकला,
गलती से एक नाम
जुबान पर उनकी
कभी कभार तो हूँ, मैं
बस एक भूल
वो किसी के साथ
आधा अधूरा तो हूँ मैं

उनके
दिल के आसपास
हल्का- फुल्का सा दर्द
थोड़ा-मोड़ा तो हूँ, मैं
कुछ खास नहीं
हँसी का पात्र,
एक नमूना,इश्क़ में
कुछ तो हूँ मैं
स्मृत

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5 MAR 2022 AT 23:02

इश्क़ एक गुनाह, एक भूल 
एक बार तो करने की चीज है
पहली नजर और हो जाने की चीज है

एक मात्र बेफिजूल खर्च करने की चीज है
आँसुओ से मुस्कराहट खरिदने की चीज है

दाग दिल पे लगाने की चीज है
इश्क़ कई बार जी जलाने की चीज है

दर्द के शोर में इश्क़ ठहर जाने की चीज है
मेरे माज़ी के दिल से गुजर जाने की चीज है

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5 MAR 2022 AT 22:49

धूल उड़ी,प्रेम की
मन आंसुओ से भीगा है
पहर आखरी,नीद गायब,
करवटों ने जोर पकड़ा है
मालूम हुआ
यादों का कारवा
दिल रौंद के गुजरा है
स्मृत

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9 NOV 2021 AT 23:43

Serious comedy by Smrit

दर्द देखना है तो
मुस्कुराते इंसान को गौर से देखिए
खुशी देखनी है तो
रोते हुए इंसान को मुस्कुराता देखिए
दर्द-खुशी दोनों को देखना हो तो
किसी भी मियां बीवी को एक साथ देखिए

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9 NOV 2021 AT 20:59


एक टूटी घड़ी के पास
बरामत वो मुर्दा,
बराबर में बैठा
किसी का इंतज़ार मिला था

धूल फांकती किताबों में
एक सूखा गुलाब,
तह करके पूजा पर
जनाना रूमाल मिला था

पुलिस को इश्क़ में
क़ातिल का नाम
खून से लिखा
आँसुओ से
मिटाया मिला था।

स्मृत..

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22 OCT 2021 AT 6:23

कुछ तो कहो
कोई बात,
बिना बात के ही सही
उम्र, हैसियत,
वादों, के साथ ही सही
इश्क़ तुम्हारा, किस्तों में
शर्तों के साथ ही सही
कभी तो मिलो ,
पहली बार, एक बार
आखरी बार ही सही
कुछ तो कहो
कोई बात,
बिना बात के ही सही
स्मृत










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22 OCT 2021 AT 5:14

जब आप सामाजिक रूप से उजड़े, नाकाबिल नजर आने लगते हो तो दुख से ज्यादा आप पगला जाते हो, और पागलपन में हँसी तो आपको केवल इस बात पर आती है कि कोई भी ऐरा-गैरा आप पर किसी भी प्रकार का दोष लगा कर उसे सिद्ध भी कर देता है।

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18 OCT 2021 AT 23:04

दौलत से कुछ खरीद सकते है तो
केवल भ्रम खरीद सकते है..
नींद नहीं, दिल नहीं, प्यार नहीं,
खुशियां तो बिल्कुल नहीं

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