दर्द देखना है तो मुस्कुराते इंसान को गौर से देखिए खुशी देखनी है तो रोते हुए इंसान को मुस्कुराता देखिए दर्द-खुशी दोनों को देखना हो तो किसी भी मियां बीवी को एक साथ देखिए
कुछ तो कहो कोई बात, बिना बात के ही सही उम्र, हैसियत, वादों, के साथ ही सही इश्क़ तुम्हारा, किस्तों में शर्तों के साथ ही सही कभी तो मिलो , पहली बार, एक बार आखरी बार ही सही कुछ तो कहो कोई बात, बिना बात के ही सही स्मृत
जब आप सामाजिक रूप से उजड़े, नाकाबिल नजर आने लगते हो तो दुख से ज्यादा आप पगला जाते हो, और पागलपन में हँसी तो आपको केवल इस बात पर आती है कि कोई भी ऐरा-गैरा आप पर किसी भी प्रकार का दोष लगा कर उसे सिद्ध भी कर देता है।