जीवन की दौड़ में,जीवन के दौड़ की होड़ में, संभल के पग धरो,नही तो पीछे रह जाओगे।
पथरीले पथ मिलेंगे,बन शूल पग में आ चुभेंगे, दरिया,गह्वर भी होंगे, व उपवन सहर भी होंगे, सुबह से शाम होगी,तनिक विश्राम ना मिलेगा, दिशा भ्रम होगा, शीतल पवन ताप बन बहेगा।
हिम्मत ना हारना तुम, आराम-चैन त्यागना तुम, जब-जब भंवर सताए,अपनी नैया उबारना तुम, साहिल जो मिलेगा,मंजिल खुशी से गले मिलेंगी, दिल बाग-बाग होगा,तमन्ना के सारे गुल खिलेंगे।
जीवन की दौड़ में, जीवन के दौड़ की होड़ में, कठोर तप खत्म होगा,विश्राम तब मिलेगा.....!