हम आज भी वैसे है कल भी वैसे ही थे आगे भी वैसे ही रहेंगे
अपनी नज़र को बदलो अपने सोच को मेरी सोच से मिलाओ
जहाँ छोर के गए थे वही हमे पाओगे-
Ek hi khwahish thi sayad koi mujhe mai jaisi hu accept kare
But wo v khuda ko manzoor na tha
Apne ghar ki dahliz par saari khwahishe chor aaungi saare sapne wahi rakh aaungi
Apne aap ko v wahi band kar aaungi sayad yahi acha hoga-
कहने सुनने को तो बहुत कुछ है
लेकिन तुमने हमसे हमारी जुबां ही छीन ली-
It’s okay to be broken-hearted
It’s okay to be blamed for everything
It’s okay to be left out alone in world
It’s okay to not let out anything
It’s okay life h kat hi jaayegi jaise v-
Ab tera rude hona v bura nai lagta
Ab tera har baaton k liye tana dena v bura nai lagta
Ab tera mujhe inkaar karna v bura nai lagta
Ab bas mai hi khud ko buri lagati hu
Sayad mai wahi rah gayi waqt aage badh gaya
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आज बचपन बड़े करीब से देखा
वो बारिश की छींटे वो कागज की कश्ती
वो नन्हे कदामो का नाचना वो फिरकी का घूमाना
आज बचपन बड़े करीब से देखा-
क्या मोहब्बत कलम की मोहताज है।
या फ़िर मोहब्बत दो दिलों की आवाज़ हैं।।
क्या मोहब्बत बस किताबों की मोहताज हैं।
या फ़िर मोहब्बत एक अनकहा एहसास हैं।।
क्या मोहब्बत मात्र लफ़्ज़ों की मोहताज हैं
या फ़िर मोहब्बत कुछ पल का सुकून हैं।।
क्या मोहब्बत सिर्फ शायरी की ज़ुबान हैं।
या फ़िर मोहब्बत जिंदगी जीने की वज़ह है।।
सवाल है जवाब है गर सुकून नहीं ऐसा क्यूँ है।
मोहब्बत जिंदगी मे पहेली जैसी क्यूँ हैं।।-
जिंदगी में मंजिल हासिल करने के लिए घर से निकल आये।
मंजिल मुकम्मल करते घर कब दूर हो गया पता ही नहीं चला।।-
कितनी अजीब है तेरी इश्क़-ये-मोहब्बत ।
इक आँख समुन्दर बनी तो दूसरी आँख प्यास ।।-
नदी की धारा बस बहती चली जाती है जब तक उसे उसकी मंजिल नहीं मिल जाती
जिंदगी भी अब कुछ वैसे ही कटती जा रही ह मंजिल की तलाश में
कितने आये कितने चले गए इस जिंदगी की धारा में
लेकिन जिंदगी को मंजिल मिलना थोड़ा कठिन है क्योंकि इसमें रोडे बहूत है-