उजाले की राह नही तकता
खुद रोशनी की चिंगारी बन जाया करता है।
जहां कुछ दिखे नहीं सुझे नहीं
वहां उम्मीद की किरण पर
कदम बढ़ाया करता है।
क्योंकि चकाचौंध में जो हीरा खो जाता है
स्मित वो अक्सर अंधेरे में ही चमका करता है।
स्मिता✍️
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मन के विचारों को काग़ज पर कुरेद लेती हूँ l
शब्... read more
क्यूं कर अक्सर गुजरा वक्त याद आता है
दिन भर की थकान को शायद बचपन का
कोई लम्हा ही मिटा पाता है।
तन मन इस वक्त सिर्फ
अपने आप में रहना चाहता है।
चाय की प्याली, किसी किताब का पन्ना
या हो छत का कोई कोना
इन सबका सहारा स्मित
दिल को गहरा सुकून दे जाता है।
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गाने का शौक है तो
कोई राग गाइए
अपना दुखड़ा नहीं
समस्या आपकी है
तो समाधान भी
आपका ही होगा
दूसरों का नहीं...-
तुम एक अकेले अपने वादे के पक्के हो
आने जाने को निश्चित समय रखते हो।
आते समय खुशी और जाते समय
पलकों की कोर भीगा जाते हो।
गणेशा सिद्धि बुद्धि के ज्ञाता
इंसा तो इंसा भगवानों को
भी तुम्हारे आने का इंतजार रहता क्योंकि
तुम्हारे बाद ही उनका नंबर आता।
जय श्री गणेश🙏🙏💐
स्मिता✍️😔
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इंद्रियों के वश के लिए
ध्यान बताते हो कृष्णा
और इस राधा के ध्यान में
फिर तुम आ जाते हो कृष्णा
ध्यान भी तुम ध्यास भी तुम
फिर लगता है सच हो तुम
या भास हो तुम... स्मित✍️-
कब करते है ये तन को आहत
पर मन को छलनी करने की
छुपी होती है इनमें ताकत
दवा का भी ये काम कर जाते
बेशक मर्ज तन का नहीं
पर मन के घाव भर जाते।
विष या अमृत जो भी शब्द मुँह से निकालो
याद रखना ये आप पर भी अपना असर
यक़ीनन ही है दिखाते..-
कृष्ण को पूजते हो
पर प्रेम नहीं कर पाते हो।
जब तक मुझे चाहोगे स्मित
कुछ अधूरा आधा
न तुमको कृष्ण मिलेगा और
न मिलेगी राधा...
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कुछ पूरी हुई, कुछ रह गई
कुछ ने इतना समय लिया कि
मोल न रहा, कुछ
मोल चुकाकर भी
मिल न पाई।
कुछ हसरतों को दुआ प्यार ने
पूरा किया और स्मित
जो रह गई उसको दिल ने
ऐसे ही कबूल किया।
स्मिता✍️
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काजल कब आंखों की नमी को
थाम पाया है।
ये रिश्तों का भंवर कौन
सह पाया है।
ये ज़िंदगी ऐसी ही है स्मित
जिसमें धूप अधिक
और थोड़ी सी
छाया है..
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जिसके बना संसार अधूरा
पर वो कान्हा राधा बिन
नहीं होता पूरा।
जैसे शक्ति बिन शिव
सीता बिन राम,धरती बिन आकाश
ये न मिले तो पूर्णत्व को
सदा रहता अवकाश
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