अपना वो है जो किताब उपहार में दे
पराया है वो जो कहे किताब खरीदे-
ब्रम्हाण्ड में प्रेम का ज्ञान
जो है इस ब्रम्हाण्ड के
प्रत्येक कण-कण म... read more
कुहासा अगर मौसम पर छा रहा हो तो नज़ारा बदल जाता है
और अगर ये आंखों पर छा जाएं तो नजरिया बदल जाता है-
कुछ चेहरे उभर आते है अंज में मिसाल बन कर
जो तूफानों में भी रोशनी बिखेरते है मशाल बन कर
लाखों में से कुछ एक की होती है ऐसी शख्सियत
कद से नहीं हुनर, काबिलियत से निगाहों में जाते चढ़ कर
होता है उनमे वो जुनून, धुन, सनक और पागलपन
हासिल कर लेते है वो मंजिल हर हालातों से लड़ कर
जंगल में उगे घने दरख़्त जैसी होती है उनकी शख्सियत
फर्क नहीं पड़ता दो-चार टहनियां तोड़ दे कोई आकर
ऐसे ही शख्स, हर दिल अजीज़ का है आज जन्मदिवस
देती हूं मैं दुआ शख्सियत हो उनकी बादलों से भी ऊपर-
ऐसी क्या कर ली मैंने गुस्ताखियां
जो दूर नहीं हो रही है उदासियां
कुछ तो बोलो, दिल की गिरह खोलो
या खा ली कसम नहीं तोड़ेंगे खामोशियां
माना नहीं रही अब गलतियों की गुंजाइश
पर नहीं छूटती है मुझसे मेरी नादानियां
थोड़ा तुम हंसों, थोड़ा मैं खिलखिलाऊं
आती जाती रहती है परेशानियां
झुलसती तपन में आएगा एक ठंडा झोंका
खुली तो छोड़ो तुम आस की खिड़कियां
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मिल जाए मुंह पर तारीफ तो फूल के कुप्पा ना होना,
कभी सुन लो पीठ पीछे बुराई तो आग बबूला ना होना,
ये ज़माना है साहब....
आज बैठा रहा है अर्श पर कल अगर ना पहचाने
तो रुसवा ना होना....
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आसान नहीं है लेना किसी के दिल में पनाह
कर लो कदर अगर कोई टूट कर चाहे बेपनाह
सच, टूट कर चाहने वाले फिर नहीं लौटा करते
रोक लो इन्हे वक्त रहते, ना करो खुद को गुमराह-
हर छोटी बहन हर बड़े भाई का नाज़ होती है
फक्र करते है वो भाई, बहन जिनके पास होती है
अक्सर झगड़ लेते थे बचपन में एक ज़िद के लिए
बड़ी होने पर अक्सर वो त्याग की मूरत बन जाती है
सपने देखने का उसे कोई हक नही, ये वो जान लेती है
पर भाई के सपने पूरे करने में,जमीं-आसमां मिला देती है
मां की तरह डांटती, दोस्त की तरह साथ निभाती
खुशनसीब होते है वो भाई, बहन जिनके पास होती है-
बोली में झलके मालवा की मिठास
लगती है वो हमेशा खुश मिजाज़
निगाहें करती हैं चुगली शरारतों की
कहे चेहरा थोड़ी सी है वो बहानेबाज़
छोटों के प्रति है उनका अथाह स्नेह
और बड़ों का करती है वो लिहाज़
पर कहती है वो बड़े ही शान से
दोस्ती की दुनिया के नहीं कोई रिवाज़
कर लो चाहे जितनी मजाक
उन्हें नहीं होगा कोई एतराज़
सखियों संग करे हँसी ठिठौली
छोड़ कर सारे काम - काज
खुश रहे वो हमेशा बेहिसाब
है उनका शुभ जन्मदिन आज
जो चाहे उन्हें, मिले सब कुछ
दिल से बस निकले यही आवाज़
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लगने लगा है अब तो मुझे ये अक्सर
मिली है उसकी दोस्ती, फाड़ के छप्पर
है ये जरूर उसकी दुआओं का असर
चलता रहे अनवरत ये दोस्ती का सफर
कोई करे परवाह तो कर लिया करो कदर
कभी दोस्ती की उतार लिया करो नजर
सबको नहीं मिलते करे जो इतनी फिकर
रिश्तों को समय दो बिना किए अगर मगर
Smita shukla-
बड़ी शिद्दत से किया तुमने ये मुकाम हासिल, तुम्हारी लगन बनी साधना
हर मनोकामना जरूर पूरी हो सबकी अगर करे कोई तुम सी आराधना
बेटियां कभी बेटों से कम नहीं होती है, तुमने दे दी है ये मिसाल
हर पिता को तुम जैसी बेटी मिले, देव भी करने लगे अब ये प्रार्थना
जन्मदिन के शुभ अवसर पर बड़ी बहन की ये है कामना
जीवन का दूसरा नाम संघर्ष है, डटकर करना सामना
अगर राहों में बिखरे हो काँटें तो तुम हाथों से अपने हटा लेना
और जिंदगी का हर सफर हो सुहाना ये बात कभी ना भूलना
कोई शक नहीं कि तुम हो एक बेस्ट शिक्षक, बेटी और सखी
एक बहु और पत्नी का दायित्व भी बखूबी से निभाना-