Smita Bharti   (Smita Bharti)
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Joined 2 February 2021


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26 JUL 2022 AT 17:24

ना गमों का बादल हटता हैं
ना आशाओं का अम्बर घटता
जाने किसकी ख़्वाहिश में
हर रोज ये मन भटकता हैं

उलझन भरी इन राहों में
गिरता कभी संभलता हैं
तो कभी अकेलेपन कि आग में
बुझता कभी ये जलता हैं

ना मुश्किलों का कारवां कमता हैं
ना मंजिलो का अरमां थमता हैं
जाने किसकी लग्न में ये
तील- तील करके रोज सुलगता हैं

ना गैरो कि कोई खबर है इसे
ना अपनो का पता कुछ चलता हैं
जाने किसकी ख़्वाहिश में
हर रोज ये मन भटकता हैं
- स्मिता भारती





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25 JUL 2022 AT 21:32

दिल में कई सवाल लिए हर रोज उलझ सी जाती हूँ
फिर खुद ढूंढती जवाब सभी और खुद समझ भी जाती हूँ

रोज टुटते ख्वाब कई हर रोज अखड़ सी जाती हूँ
फिर रोज सजाती ख्वाब नयी और रोज निखर भी जाती हूँ

खुशियां मिलती हर रोज नयी तो रोज नया गम पाती हूँ
रोज समझती रिश्तों को पर हर रोज हि कम पड़ जाती हूँ

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24 JUL 2022 AT 20:46

ऐ खुदा तू बोल दे तेरे बादलों को,
मेरा यार धान रोप रहा है बारिश की जाय....
😉😆😂😜😝😆😆

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24 JUL 2022 AT 11:29

माना थोड़ा उदास है मन
फिर भी बड़ा बिंदास है मन
बैठे-बैठे हि घुम कर आ जाता
सच में बड़ा झकास है मन

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23 JUL 2022 AT 9:34

नजदीकियों में दूर का मंजर तलाश कर
छोड़ दरिया को तु अपने भीतर हि समंदर तलाश कर

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23 JUL 2022 AT 6:39

धरी की धरी रह जायेगी ये शिकवे नराजगी
वक्त गुजरने के बाद फिर कहां शिकायतें रहती हैं
आज सामने से हम जिनके हाल पूछने से बचते हैं
कल दूर जाने के बाद बस उन्ही की चाहते रहती हैं

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22 JUL 2022 AT 15:52

या तो मशहूर हो जाओगे
या फिर बदनाम हो जाओगे
एक शायर कि मुहब्बत हो
यार एैसे कैसे गुमनाम हो जाओगे

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18 JUL 2022 AT 15:04

नया नहीं है इसमें कुछ
लिखने कि मेरी आदत पुरानी है
कभी शायर दीवाना हुआ यहां
आज शायरा दीवानी हैं

दीवानगी हैं अल्फाजों का
दीवानगी है दिल के राजो का
जिसे छिपा लेते लोग बड़े सहज से
दीवानगी हैं उन एहसासो का
लिखने हैं अभी और काव्य कई
अभी और आग लगानी हैं
कभी शायर दीवाना हुआ यहां
आज शायरा दीवानी हैं


कभी ज्यादा लिखे, कभी कम लिखे
कभी खुशियां लिखे, कभी गम लिखे
पर लिखे ना जो मुहब्बत पर कुछ
तो बोलो फिर कैसी ये जवानी हैं
कभी शायर दीवाना हुआ यहां
आज शायरा दीवानी हैं
- स्मिता भारती

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16 JUL 2022 AT 11:20

जाने किस बात से वो खफा हो गए
मैंनें बस इतना कहा के,
चलो ना जान आज बाइक पर घुमते हैं
और वो लापता हो गए !😆😜😂

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15 JUL 2022 AT 12:25

ना कोई गजलें हैं मेरी ना कोई कवि हूँ मैं
बस बरसते हुए सावन के आंखों की नमी हूँ मैं
मिल जायेगें मुझसे बेहतर लाखो इस दुनिया में
मगर पूरी ना कर पाए कोई वो कमी हूँ मैं

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