चाय की कहानी है सालों पुरानी , सुनी हैं हमने दादी नानी की जुबानी , एक कप चाय मतलब दो पल का सुकून , तीन दोस्तों की महफ़िल, चार घरों की गपशप। बारिश में राहत और सर्दियों में होती है चाय सबकी चाहत , कभी गेहूँ के खेतों में चाय तो कभी ऑफिस वाली चाय , सर दर्द की दवा, परेशानी में लगती जैसे कोई दुआ , कभी मीठी कभी नमकीन तो कभी मसाला चाय, यही हैं चाय की कहानी, रंगीन और सालों पुरानी 😊
आज जो हम हैं या फ़िर आज जो हमारा है , ना कल हम वो होंगे ना वो कल हमारा होगा। हम टांगे गए होंगे किसी दीवार में, और वो बस उस दीवार प़र तस्वीर के आकार की जगह हमारी होगी, वो भी किसी और के आने तक , बस यही है इंसान की हकीकत ।
अभी कुछ रोज पहले मिली थी तुमसे अजनबियों की तरह पेश आए थे दोनों। कब कैसे नमक चीनी की तरह घुल गए हम दोनों पता ही नहीं चला, और देखो वो खट्टे मीठे पल याद है मुझे बरसों😊 से, जैसे अभी कुछ रोज पहले मिली थी तुमसे।
पहली दफा आज उसको देखा, नजर टकराए कई बार थी लेकिन जैसे आज टकराई वह पहली बार था । कोशिशें आज भी पूरी थी नजरे चुराई जाने की लेकिन आज हम मन बना चुके थे, तो बहुत ध्यान से और बड़े प्यार से कई दिनों बाद देखा उसे ।