This voyage of 2 Decades
has been lived happily.
You, all who had been with
me in this odyssey, always
helped to nourish & glow.
Gratitude to all of you for
being such a special
character of my anecdote.
My tale is still yet to be
accomplished,& I will need
you all ahead too.
❤️Thks Agn❤️
-Yours Lovingly
Anshul. M. A. PATLE-
Budding writer,
Observing the hue of life.
A normal boy with bad Sense of houm... read more
दर्द हो तो मर्द भी रोता हैं,
जब बिना रास्तों के चौराहे पे खड़ा होता हैं ।
वो तपता इतना हैं के उसके आसूं
भाप बन बादलों में समा जाते हैं,
भले ही आखें उसकी ना भींगे,
पर आसमान उसके लिए रोता हैं,
के वो मुस्कान भी कर्जे से चढ़ाए हुऐ हैं
किस्तों में मुस्कुराता है, किस्तों में सुत चुकता हैं
चुटकी भर कुछ पता है,
अगर मुट्ठी भर कुछ खोता है,
राते जागता हैं, दिन में तो पलके भी झपका नही पता,
ना जाने कब वो सोता हैं,-
ऐ हवाओं,
मुझे करदो संग किसके,
तन्हा हूं अभी तक,
बसंत आने को है,
मैं डाल का आखरी पत्ता हूं,-
लोहड़ी आई बहन लोहारी आई,
लोहड़ी आई बहन लोहरी आई,
ये बरस था बड़ा दुःख दाई,
सारा कष्ट दूर करने आई,
लोहड़ी आई बहन लोहरी आई,
पूरा साल बिता एक सकल नही आई,
लोहड़ी वो आवाज आपने साथ ले आई,
लोहड़ी आई बहन लोहारी आई,
नेता ले गया भीड़ जो आपने संग अब तलक लौट नहीं आई,
उन सभी को विजय केसरी के साथ लाई,
लोहड़ी आई बहन लोहारी आई,
इस मौसम जो खेत खाली जिनसे फसल न आई,
उनके खातिर पेट भर दाने लाई,
लोहड़ी आई बहन लोहारी आई,
हल-हसियां जिनसे आवाज न आई,
उन्हे जगाने आई,
#LOHARI_ThisYear
-
लोहड़ी आई बहन लोहड़ी आई...
लोहड़ी आई बहन लोहड़ी आई
बाल गोपालों ने आम की अक्सता लकड़ियां लाई,
घर के देवों ने खेतों से ऊस के दर्रे डोली में भर लाई,
लोहड़ी आई बहन लोहड़ी आई,
दरवाजे पर गांव की ढीवरिन लाई और मुरमुरे ले आई,
फूलों वाली हार, फूल और जुड़े ले आई,
लोहड़ी आई बहन लोहड़ी आई,
पुरोहितीन अपने संग कुमकुम, हवन और गंगाजल लाई,
घर के बड़ों ने आहुति के फल और फसल लाई,
लोहड़ी आई बहन लोहड़ी आई,
हर साल की तरह गुड़, मक्का, अनाज, दलहन लाई,
बड़े बड़े दिनों की सवगात ले आई,
लोहड़ी आई बहन लोहड़ी आई,
ठंडी हवाएं पीछे छोड़ सोहनी गरम लु लाई,
शीत में परदेश गए पक्षी तेज हवाओं संग लाई,
- #LOHARI_EveryYear-
हम शायर नहीं हैं,
ना ही अच्छा लिख पाते है,
बस बेरोजगार है....
(Inspired by Big_B Virendra)-
A Jump can
take you to
the different place
from the crowd.
Also,
A journey
from crowd to crown
can be completed
even by the difference
of a jump.
-
के काट लू इन परों को
ये बारिशों का मौसम है !
अब मछलियों की दुनियां
में मुझे जनम लेना है !
मेंढकों की जात से नाता
और सापों से दोस्ती रखना है !
काइयों के बिच घर हो मेरा
लहरों में बहना और उन्हीं में थकना है !-
तेरा शहर मेरे गांव से ज्यादा दूर नहीं,
सुबह वाह मन्दिरों की घंटियों से होती हैं,
यहां अज़ान का शोर है,
तेरे गलियों में फूल आपही बिखरते है,
यहां सड़कों पर खून के ढाबे श्याम तलक भी सुख़ते नहीं है,
वहां रास्तों पर इत्र की दुकानें है,
यहां सासों में झूट की गंध है,
तेरे शहर की जुबा मै कहावतें पुरानी है,
यह जुबा जुबा पर गुस्सा बिकता है,
वहां कलम लिखतीं है बाते दिलों की,
यहां तो वाक़िए भी सिर्फ जुर्म के ही सुनाए जाते है,
वहां मां बापू तेरे आंगन में धूप निहारते है,
यहां घोटने के लिए भी गले बाकी नहीं है,
तेरे शहर में एक कमरा तेरे ही घर के सामने का दिला दे,
मैं आपने गांव छोड़ रहा है,
अपने साथ एक खंजर भर ला रहा हूं!!-
के ले चल अपना सूरज आपने ही माथे पर,
दिऐ तो हल्के झोके से भी बुझ जाएंगे।
ये रात किश्तों से जगमग झिलमिल है पर,
तेरे आने से ही भर गली महुले रोशन हो जाएंगे।-