Ye kis ka chehra hai jo aankho se hat ti nahi ...
Ye kis ka yaad hai jo dil se mit ti nahi ...
Jamana toh so gaya hai kab ka ...
Par ye kaun hai jo mujh main sota nahi ...-
could make me
lose my words
before you
वो मुझे भूल गया ...
ये मेरी प्रेम की परीक्षा है ...
वो मुझे अब तक याद है ...
ये मेरी प्रेम की परिभाषा है ...-
इश्क़ अधूरा रहे तो भी अधूरा नहीं होता.. मर जाये तो भी ज़िन्दा रहता है.. हमेशा। इश्क़ के अफ़सोस किसी सोये शहर की रात तले पहरेदारी करते हैं.. ऐसे ही किसी शहर से जब कोई पुकारता है, दर्द धुआं होकर घेर लेता है सब। प्रेम का मायाजाल पाँव की आहट से खुलने वाले किसी तिलिस्मी खज़ाने सा है.. धूप लेता हूँ दिन के उजास से.. सहेजता हूँ रात के दूसरे पहर में। शब्द हथेली सहलाते हैं..
ज़िन्दगी और कुछ नहीं तीन हिस्सों में ख़त्म हुई बस एक किताब है।-
Tum khwahish ho ... Tum ashq ho ... Tum khwahish se kahin upar ho ...
Tumhe paa kar bhi adhura hoon ...
Aur bin paye bhi sampoorn hoon ...
Meri talash tum tak hi tha sayad ... Tumhe pura kar doon to mera astiswa hi kahan ???-
शहर भी वही है
रात भी वही है
और आसमान भी वही है
इसी शहर में इसी आसमान के नीचे
सुनाते थे,किस्से दुनिया की
घर के मसले और भविष्य के सपने
मगर शहर शहर नही लगता
रात काटने को दौड़ती है
और आसमान बस एक काला धब्बा लगता है
क्योकि अब तुम नही हो न !!-
गर्मी की रातों में
जब सब अपने अपने कमरों में
ए.सी. की ठंडक में सो रहे होंगे
तब मैं तुम्हारी याद में
डायरी के पन्नों पर
लिखती रहूंगी बीते लम्हे
दूर क्षितिज में तब
आसमान भी हँसता होगा
और एक तारा टूट कर
मेरी मन्नत पूरी करता होगा।-