অবুঝ আমি তোমারেই চাই
জীবন খুঁজি তোমারই গানে
আমার 'আমি' হারিয়েছে হায়,
হৃদয় ও মন সঁপেছি ঐ চরণে।-
हर ग़म भुलाकर
एक नई उम्मीद लेकर
सूरज की तरह
चलना है मंजिल की और
इंसानियत की किरणों से
मिट जाए हर मुश्किल दौर
पयगाम ए हर दिल को देना है
हर सुबह यही सिखाती हैं
दिल ही है रब का घर-
खत्म होने दो अंधेरा खुदी के
गर सच्चा इश्क़ चाहिए
महफ़िल ए दिल संवर जाए
और रब दिल में बस जाए..-
ফেরার পথে আকাশ এনো,
সঙ্গে স্নিগ্ধ বাতাস,
পবিত্র হৃদয় মন প্রিয়,
যেথায় প্রেমের বাস !-
चिराग रौशन हो जाए दिल का
जब सवेरा होता है जीवन में
अंधेरा दूर हो जाएं मन से
प्यार के दीपक जल जाने से !!-
इस दिल की बेकरारी क्या होती है
दीदार को तरसती आंखें
दिन-रात उन्हें ढुंढती है
ना चैन आए, ना यार
जीना मरना दुस्बार होती है..!-
सही वक्त के इंतेज़ार में
जिंदगी बीत जाते है
बंदे ख़ुदा के हर वक्त को
सही कामों में बीता लेते हैं..!-
लुट गया वो बंदा, तुझे चाहनेवाले,
बदल दी नसीबों के लकीर भी..
देख लिया जिंदगी तुझको
और तेरे हुस्न के जंजीर भी…!-