Kya btaau khud k baare m
Sochti bhut hu apno ke lia
Apno ne asa socha mere lia
Ab apne bhi paraye lgte h-
Waqt to aane de sham to dhal ... read more
किसी से कोई बेर नहीं किसी से कोई शिकवा नहीं
संभल गई अब इस अकेले राह पर
जहां कोई अपना नहीं
बस इतना सा फर्क है अब मेरी जिंदगी में
चलना भी अब उस राह पर जहां मेरे माधव हो-
इस साल कुछ नया करेंगे
लेकिन पुराने साल को नहीं भूलेगे
इसी ने बहुत कुछ सिखाया है
अपना कोन है, पराया कोन है
जिंदगी के हर पल को दिखाया हैं
अब नया साल तो बहाना है खुशियां बांटने का
यह नया साल इक किरण को साथ लेके आया है
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मां यह शब्द तो इक है
इसके मतलब अनेक है
तेरे से संसार मेरा
तू ना मिली तो बेकार है पहरा
लग जा गले तू सीने से लगाती है
तबीयत मेरी बिगड़े दर दर भटके दवाई मेरे लिए लाती है
ना थी उस टाइम कदर तेरी जब पास थी
जिंदगी से दूर चली गई मेरी जिंदगी को लेके
जिंदगी फिर से मिल जाए तेरे साथ ऐसी मेरी आस थी
खत्म हुआ वो पल, जिंदगी के पन्ने का वो हर ख़ुशी
जिसकी तू पूरी किताब थी।
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पापा मेरे पापा.......
पापा हैं तो सब अपने है
वरना सब झूठें सपने है
पापा है तो छाव है
वरना सब भटकती राह है
पापा है तो सब साथ है
वरना सब झूठी आश है
जिंदगी की राह पर सीखा बहुत है
पापा क्या होते है लिखा बहुत है
लिखती तो दुनिया सारी है
पापा के लिए जितना लिखो
कम पढ़ जाता है
क्यू कि पूरी दुनिया ही पापा है
वो बस हमारी है
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पुरानी इमारतों में भी काफी राज़ छुपे है
किसी की प्रेम निशानी है
किसी की दर्द की कहानी है
किसी की लड़ाई छुपी है
किसी की अकड़ रुकी है
किसी के लिए इतिहास लिखा है
किसी का परिहास छुपा है
बस इतना जानों
इस ईमारत में कही राज दफा है-
वक्त ठहरता नहीं किसी के लिए
बस रुक गए हम किसी के लिए
मेहनत के दम पर आगे बड़ा
किस्मत ने साथ दिया किसी ओर का
हम मेहनत करते रह गया
वक्त कोई ओर छीन के ले गया
वक्त ने कहा......
नहीं ठहरता में किसी के लिए-
खुद को मत भूलना
किसी की चाह में
किसी को मत आने देना
अपनी तकरीर की राह में
लोगो के दो चेहरे होते है,जनाब
लाओगे किसी को राह के बीच
निचोड़ देगा तुम्हारे भरोसे को खीच
भूलना मत अपनी बात
दिल की नही दिमाग से सोचे, वही देगा तुम्हारा साथ
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कोई नहीं समझेगा
लोग तसल्ली बहुत देते है
समझने को बहुत कहते है
समझना हमें आता नहीं
मेरा दुःख था न, तो मेरा है रहेगा
क्यू कि यह उनको भाता नहीं
जब थोड़े खुश होते है
पिछला भुला देते है
लोगो को वो भी खटकता है
क्या करू यार यह मेरा दुःख है न
वो भी पब्लिक हो गया है
दुःख रहु तो यादें खलती है
खुश रहु तो बाते बनती है
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जिस दिल में प्यार नहीं
वो प्यार कैसे करेगा
किसी को किसी से मोहब्बत नहीं
वो दीदार केसे करेगा
खुश क़िस्मत होते है जिसे प्यार मिलता है
पर सच्चा हो ऐसा दिलदार कहां मिलेगा
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