आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो, ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो, एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो, दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो।
मंजिल भी तुम हो, तलाश भी तुम हो, उम्मीद भी तुम हो, आस भी तुम हो. कैसे कहूँ इश्क भी तुम हो और जूनूँ भी तुम ही हो, अब जब अहसास तुम हो तो जिंदगी भी तुम ही हो.