Sitanshu Kumar   (Sitanshu kumar)
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इश्क़ करू तो किससे करू
जब यहां सारे रिश्ते ही झूठे हैं।
Joined 12 May 2020


इश्क़ करू तो किससे करू
जब यहां सारे रिश्ते ही झूठे हैं।
Joined 12 May 2020
2 SEP AT 9:42

Kuch khwaish adhuri hi rhe to accha lgta h
Kuch hasratein hasratin hi trh jaye to accha lgta hai
Accha lgta h khwabon ka pura na hona
Acha lgta h adhure khwabo k sang jina
Pure ho khwab to karne ko kuch reh nhi jata h
Pure khwabon k sang aadmi thahar sa jata h
Thahara hua aadmi smjho mar s jaat h

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16 AUG AT 18:33

सोया रह गया कंस
खुला जेल का द्वार
अर्ध रात्रि को जब
कृष्ण ने लिया अवतार
संग आई मां दुर्गा
करने दुष्टों का संहार
मुबारक हो सबको
जन्माष्टमी का त्योहार

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16 AUG AT 10:07

सावन बीत भादो की अष्टमी आई
कदम की डाली से फिर बंसी मुसकाई
प्रकृति ने भी ली अंगड़ाई
ब्रज की खुशियों सारे जग में छाई
आई रे आई जन्माष्टमी आई

Happy krishna janmastmi

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4 AUG AT 18:03

चाहना,
धोखे खाना,
टूटना ,
बिखरना और
तबाह हो जाना
बस इतना ही तो है
अंजाम मोहोब्बत का

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6 JUL AT 21:27

सहम जाता हूं जब विवाह का जिक्र आता है
मर्द हूं शादी के नाम पर नीला ड्रम याद आता है

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3 MAR AT 14:56

यूं ही नहीं जमाने ने आंखों को कयामत कहा
जब दिल टूटता है तब पता चलता है
जिंदगी में आई कयामत की वजह वही आंखें हैं

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28 FEB AT 15:29

हर हालत में चलना होगा
परिस्थितियों से लड़ना होगा
जीवन पथ पर आगे बढ़ना होगा
राह की हर मुश्किल को
संघर्ष से पार करना होगा
बाधाओं को पार करने के लिए
सांचे में ढलना होगा
हर हालत में चलना होगा
कदम दर कदम आगे बढ़ना होगा

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13 FEB AT 0:23

तबस्सुम काश कि तसव्वुर सच होता
फिर तुझे बताता तू बस मेरी मोहब्बत नहीं
मेरे रूह का सुकून है

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3 FEB AT 13:03

धुंध की एक कहानी ऐसी भी

होकर धुंध के सारे सरताज जमा
जंग छेड़ दी सूरज से
इसके पहले कि धुआं
आता धुंध की मदद को
सूरज ने ऐसी छटा बिखेरी
सब दरबदर हो गए

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26 JAN AT 10:46

एक दौर था
उसे खोने से डरता था
एक दौर है
उसके होने से डरता हूं

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